राज्यशासन

छत्तीसगढ की सियासत ‘कही-सुनी’

रवि भोई

कांग्रेस के 15 विधायकों की टिकट अधर में

माना जा रहा है कि कांग्रेस इस बार कई नए चेहरे को मैदान में उतारेगी। इसके लिए वह 12 से 15 वर्तमान विधायकों की टिकट काट सकती है। कहा जा रहा है कि पहली बार के विधायकों की टिकट ज्यादा कटेगी। ख़राब परफार्मेंस वाले कुछ पुराने विधायकों को भी पार्टी चुनाव मैदान से बाहर कर सकती है। कहा जा रहा है कि ईडी के निशाने पर आए विधायकों को भी मैदान में नहीं उतारा जाएगा। इसके अलावा विवादों में रहने वाले या किसी न किसी कारण से दागदार हो चुके विधायकों का भी पत्ता साफ़ माना जा रहा है। इस बार कांग्रेस कुछ प्रोफेशनल्स को मैदान में उतार सकती है। कांग्रेस का लक्ष्य हर हाल में सत्ता में वापसी है।

वायरल सूची से उलट होगी भाजपा की दूसरी लिस्ट

भाजपा प्रत्याशियों की वायरल सूची को लेकर बवाल मचने के बाद कयास लगाया जा रहा है कि असल लिस्ट उसके उलट होगी। कई नए चेहरों के साथ जमीनी कार्यकर्ताओं को महत्व दिया जाएगा। माना जा रहा है कि प्रत्याशियों के टेस्ट के लिए भाजपा के कुछ नेताओं ने जानबूझकर गलत लिस्ट को वायरल कर दिया। इससे कई प्रत्याशियों के बारे में पार्टी हाईकमान को जानकारी मिल गई। भाजपा की दूसरी लिस्ट वायरल होने के बाद अब तक धरसींवा, साजा, आरंग, बसना,रायपुर उत्तर और कई विधानसभा क्षेत्र के पार्टी कार्यकर्ता प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन कर चुके हैं। पहली लिस्ट में घोषित कुछ नाम को लेकर भी पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। पहली लिस्ट के कुछ नामों में उलटफेर होने की संभावना है।

भाजपा की सीट बिकने की चर्चा

चर्चा है कि महासमुंद जिले के चार विधानसभा क्षेत्रों में से एक को भाजपा नेताओं ने बेच दिया है। 2018 के विधानसभा चुनाव में भी इस सीट के बिकने की खबर फैली थी। 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा का अधिकृत प्रत्याशी तीसरे स्थान पर आया था। तब पार्टी के एक दिग्गज नेता पर सीट बेचने का आरोप लगा था। इस बार आरएसएस से जुड़े दो नेताओं पर साठगांठ का आरोप लग रहा है। भाजपा ने पहली सूची में दो सीटों के लिए प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। दो प्रत्याशियों के नाम वायरल लिस्ट में है। जिले के चारों सीटों के प्रत्याशियों को लेकर बवाल मचा है। भाजपा के कार्यकर्ताओं ने घोषित और संभावित प्रत्याशियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

बड़बोलापन ले डूबा कांग्रेसी दावेदार को

कहते हैं रायपुर के एक विधानसभा के लिए कांग्रेस की टिकट के दावेदार को बड़बोलापन और प्रचार भारी पड़ गया। चर्चा है कि कांग्रेस की टिकट के दावेदारों में अव्वल चल रहे इस नेता को अपना प्रचार भारी पड़ गया। खबर चल रही है कि इस नेता ने टिकट के लिए कांग्रेस के एक राष्ट्रीय पदाधिकारी को मोटी रकम दी है। इस खबर के फैलने के बाद नेता का ग्राफ गिर गया और दुश्मनों ने भी गड्डा खोद दिया। कहा जा रहा है कि लेनदेन की खबर के बाद नेताजी का पत्ता साफ़ हो गया है और उस सीट से अब तीसरे व्यक्ति का नाम दौड़ने लगा है।

निहारिका बारिक से गुस्से में सरकार

चर्चा है कि 1997 बैच की आईएएस निहारिका बारिक को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का गुस्सा तीन साल बाद भी शांत नहीं हुआ है। निहारिका बारिक भूपेश बघेल की सरकार में स्वास्थ्य सचिव रह चुकी हैं। इसके बाद वे दो साल के लिए चाइल्ड केयर लीव में चली गईं। बाद में एक साल और अवकाश बढ़ा लिया था। वे पिछले दिनों अवकाश से लौटीं , तो सरकार ने उन्हें मुख्य धारा में पदस्थ करने की जगह मंत्रालय से बाहर की पोस्टिंग दे दी। निहारिका बारिक, प्रमुख सचिव स्तर की अधिकारी हैं और उन्हें महानिदेशक ,राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान के पद पर पदस्थ किया गया है। राज्य में अभी मनोज पिंगुआ के अलावा और कोई प्रमुख सचिव नहीं है, फिर भी निहारिका बारिक को मंत्रालय में कोई विभाग न देना सरकार की नाराजगी साफ़ दिखती है। खबर है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सीआर में निहारिका बारिक की रेटिंग भी कम की थी।

पुलिस अफसरों पर ईडी की नजर

कहते हैं महादेव ऐप मामले में ईडी छत्तीसगढ़ के कुछ पुलिस अफसरों पर सतत नजर बनाए हुए है। चर्चा है कि ईडी के करीब तीन दर्जन अधिकारी-कर्मचारी पुलिस अफसरों पर नजर बनाए हुए हैं। खबर है कि ईडी का यह स्टाफ अलग-अलग राज्यों से छत्तीसगढ़ आया हुआ है। कहा जा रहा है कि पिछले दिनों ईडी के कुछ लोगों ने कुछ अफसरों के आफिस और बंगले की रैकी भी की। महादेव ऐप मामले में बॉलीवुड के कुछ कलाकारों को समन जारी होने के बाद माना जा रहा है कि राज्य के कुछ पुलिस अफसरों को भी ईडी चपेट में ले सकती है।

विधानसभा चुनाव की घोषणा नौ अक्टूबर को संभव

चर्चा है कि भारत निर्वाचन आयोग छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की घोषणा सोमवार नौ अक्टूबर को कर सकती है। चुनाव की घोषणा के साथ ही राज्य में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी। माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में दो चरणों में वोटिंग होगी। पहले चरण में नक्सल प्रभावित इलाकों में मतदान कराए जाएंगे। दूसरे चरण में मैदानी इलाकों में चुनाव होगा। कयास लगाया जा रहा है कि दोनों चरणों की वोटिंग नवंबर में दीवाली के बाद ही होगी।

नवरात्रि में कांग्रेस-भाजपा की लिस्ट

कहा जा रहा है कि नवरात्रि में ही कांग्रेस-भाजपा की लिस्ट आएगी। तब तक चुनाव की घोषणा भी हो जाएगी। माना जा रहा है कि दोनों दल दो-तीन चरणों में प्रत्याशियों की घोषणा करेंगे। भाजपा ने 21 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट अगस्त में ही जारी कर दी थी, लेकिन दूसरी लिस्ट लटकी हुई है। लोगों को भाजपा और कांग्रेस की लिस्ट का इंतजार है। आप, बसपा और दूसरे दल भी लिस्ट जारी कर रहे हैं , उसमें लोगों की खास दिलचस्पी नहीं है , इससे लगता है कि राज्य में मुकाबला तो भाजपा और कांग्रेस में ही रहेगा।

दुश्मन हुए दोस्त

कहते हैं न समय दुश्मनों को दोस्त बना देता है, ऐसा ही कुछ नजारा आजकल राजनीति में देखने को मिल रहा है। कहा जा रहा है कि रायपुर के एक विधानसभा से टिकट के दावेदार भाजपा नेता कुछ दिन पहले तक एक-दूसरे के जानी दुश्मन थे। वायरल सूची आने के बाद दावेदार दोस्त बन गए हैं और वह नहीं, हममें से किसी एक को उम्मीदवार बनाने का नारा लगाने लगे हैं। अब देखते हैं यह दोस्ती कब तक टिके रहती है।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार और पत्रिका समवेत सृजन के प्रबंध संपादक हैं।)

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