राजनीति

विधानसभा चुनाव; सड़कविहीन दूरस्थ इलाकों में हेलीकॉप्टर से जाएगा पोलिंग दल,बस्तर अंचल में अभी मतदान का समय तय नहीं

छत्तीसगढ़ में भले ही नक्सलियों की तादाद कम हो रही है लेकिन उनका एरिया बढ़ रहा है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबा साहेब कंगाले ने बताया कि यही वजह है कि पंडरिया और कवर्धा विधानसभा सीट को भी पहले चरण की वोटिंग के लिए जोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में मतदान दलों को हेलीकॉप्टर से रिमोट एरिया के मतदान केन्द्रों तक पहुंचाया जाएगा। हालाकि बस्तर अंचल में अभी मतदान का समय अभी तय नहीं हुआ है। पहले सुबह 7 बजे से अपरान्ह 3 बजे तक मतदान होता रहा है।

प्रदेश के ऐसे इलाके जहां अब तक सड़कें नहीं हैं, उन इलाकों में मतदान केन्द्रों तक जाने के लिए निर्वाचन आयोग हेलीकॉप्टर का इंतजाम करेगा। साल 2018 में ऐसे मतदान केन्द्रों की संख्या 160 थी और 900 मतदान कर्मियों को हेलीकॉप्टर से पोलिंग बूथ तक लेकर जाने और वापस लाने की व्यवस्था की गई थी लेकिन इस बार ये संख्या घटकर लगभग 100 हो गई है।

भारत निर्वाचन आयोग ने देश के 5 राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। छत्तीसगढ़ समेत राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने हैं। उनमें छत्तीसगढ़ इकलौता राज्य है, जहां 2 चरणों में चुनाव होंगे। इसकी वजह प्रदेश में नक्सलियों का खतरा है, इसलिए यहां ज्यादा सुरक्षा इंतजामों की जरूरत होगी।

7 नवंबर को पहले चरण में इन 20 सीटों पर वोटिंग

राजनांदगांव, डोंगरगढ़ (SC), डोंगरगांव, खुज्जी, पंडरिया, कवर्धा, खैरागढ़, मोहला-मानपुर (ST), कांकेर (ST), अंतागढ़ (ST), भानुप्रतापपुर (ST), केशकाल (ST), कोंडागांव (ST), नारायणपुर (ST), बस्तर (ST), जगदलपुर (ST), चित्रकोट (ST), दंतेवाड़ा (ST), बीजापुर (ST), कोंटा (ST)

7 नवंबर को नक्सल प्रभावित 20 सीटों पर वोटिंग
पहले चरण में 7 नवंबर को नक्सल प्रभावित 20 सीटों में वोटिंग होगी। इससे पहले हुए इलेक्शन में ये संख्या 18 थी लेकिन इस बार कवर्धा और पंडरिया विधानसभा सीट को भी इसमें शामिल किया गया है। इनमें बस्तर संभाग की 12 और राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र की 8 विधानसभा सीटें शामिल हैं।

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