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अमिताभ , नाबाद 81

अर्श से फर्श पर और फर्श से अर्श पर याने ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर जाने की अगर मिसाल देना हो तो एक व्यक्ति का नाम जेहन में उठता है ~अमिताभ बच्चन का।

 प्रख्यात कवि हरिवंश राय बच्चन और तत्कालीन  प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की सखी तेजी बच्चन का  बेटा जो एक अन्य प्रधानमंत्री राजीव गांधी का  मित्र रहा उसकी फिल्मों में आगमन “सात हिंदुस्तानी” के साथ हुई। ये फिल्म आम दर्शक के समझ के बाहर की थी इस कारण  अमिताभ को कोई नोटिस नहीं लिया गया। अपने कद और ऊंचाई के चलते व्यवसायिक  फिल्म बनाने वालो ने ये तक कहा कि उन्हें नायक चाहिए बांस नहीं, भरभरी आवाज को कौन सुनेगा? उलाहने के चलते अमिताभ ने शुरुवाती दौर में ऐसी फिल्में चयनित की जिनके सिर पैर नहीं थे। शुक्र है कि उन्हें जया भादुड़ी का सहयोग मिला जो उस समय की स्टार नायिका थी। भाग्य ने भी साथ दिया और धर्मेंद्र,देवानंद, राजकुमार द्वारा छोड़ी गई फिल्म शशि कपूर के कहने पर अमिताभ बच्चन को मिली। ये फिल्म दीवार थी। एक नाराज व्यक्ति की भूमिका को अमिताभ बच्चन जी गए। 

बॉलीवुड में एक ट्रेंड चलता है ।जो फिल्म जिस प्रकार के अभिनय के बल पर दौड़ती है उस फिल्म का नायक अमूमन आगे वैसे ही भूमिका के लिए तय हो जाता है। नाराज युवक याने” एंग्री यंग मैन” के रूप में अमिताभ टाइप्ड हो गए।शोले,त्रिशूल, काला पत्थर, नमक हराम, दीवार,शक्ति,रोटी कपड़ा और मकान, जैसी हिट फिल्में ऐसे ही नाराज किरदार की देन थी। कभी कभी और सिलसिला में वे रोमांस किए लेकिन वैसा प्रेम समाज में स्वीकार्य नहीं होता। कामेडी का भी तड़का लगाने के लिए लावारिश, शराबी जैसे फिल्मे की।

45साल की उम्र के आते आते अमिताभ के अभिनय का बासापन झलकने लगा और अर्श से फर्श पर आने का दौर आ ही गया। फिल्मे छूटने लगी, व्यवसाय डूबने लगा और लगभग नायकत्व का दौर समाप्ति पर आ गया। उस दौर में फिल्मों के नायक  नायिकाओं का टेलीविजन पर आना असफलता के बाद का अध्याय माना जाता था।अमिताभ बच्चन ने अपने आर्थिक तंगी से निजात पाने के लिए कौन बनेगा करोड़पति धारावाहिक के जरिए छोटे परदे पर आए। बिना मेहनत के करोड़ो रुपए पाने वाले करोड़ो लोगो के लिए अमिताभ बैंकर बन गए। 12से 15साल तक अथक  प्रयास कर हॉट सीट पर पहुंचने वाले लोगो के साथ साथ ये धारावाहिक उम्मीद का ज्ञानी कार्यकम है जो अमिताभ बच्चन के शानदार प्रस्तुति के चलते विख्यात है। कौन बनेगा करोड़पति धारावाहिक से पिछले 18साल में असली अरबपति अमिताभ बच्चन ही बने है याने फर्श से अर्श पर पहुंच गए।

 पहली पारी के नायकत्व और दूसरी पारी में चरित्र भूमिका अमिताभ बच्चन को 1931से लेकर 2023तक के सारे नायकों से आगे लाकर महानायक की श्रेणी में खड़ा कर दिया है।  लोग 62 साल में रिटायर होकर मरने के लिए उम्र काटते है वही 25 प्रतिशत किडनी फंक्शन के साथ 81 साल में अमिताभ बच्चन मेहनत की पराकाष्ठा बने हुए है।

स्तंभकार- संजय दुबे

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