कानून व्यवस्था

विधान सभा चुनाव; जब्त दस लाख से कम की राशि की वापसी होगी; ज्यादा होने पर आयकर विभाग के हवाले

रायपुर, विधानसभा आम निर्वाचन के लिए राज्य में आदर्श आचार संहिता प्रभावी होने के दौरान उड़नदस्ता दलों (FST – Flying Squad Team) और स्थैतिक निगरानी दलों (SST – Static Surveillance Team) द्वारा जब्त की गई दस लाख रुपए से कम की राशि की वापसी की कार्यवाही जिला स्तर पर गठित टीम के द्वारा की जाती है। आम नागरिकों तथा धन राशि के परिवहन की वास्तविक जरूरत वाले लोगों को असुविधा से बचाने तथा उनकी शिकायतों के निराकरण के लिए हर जिले में जिला स्तरीय समिति गठित की गई है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला निर्वाचन कार्यालय में व्यय अनुवीक्षण के नोडल अधिकारी तथा जिला कोषालय अधिकारी इस समिति में शामिल हैं। एफएसटी एवं एसएसटी द्वारा जब्त की गई राशि दस लाख रुपए से अधिक होने पर ऐसे मामले आयकर विभाग के सुपुर्द किए जाते हैं, जहां आयकर विभाग द्वारा कानून के अनुसार वापसी की कार्यवाही की जाती है।

जिला स्तरीय समिति द्वारा दस लाख रुपए से कम की जब्ती के प्रत्येक मामले की जांच की जाती है। समिति द्वारा यह पाए जाने पर कि मानक प्रचालन प्रक्रिया (SOP) के अनुसार जब्ती के सम्बन्ध में कोई प्राथमिकी या शिकायत दर्ज नहीं की गई है, या जहां जब्ती किसी अभ्यर्थी, राजनीतिक दल, किसी निर्वाचन अभियान इत्यादि से जुड़ी हुई नहीं है तो समिति ऐसी नकदी को रिलीज करने के बारे में एक स्पीकिंग आदेश जारी कर इसकी वापसी के लिए रिलीज आदेश जारी करने के लिए तत्काल कदम उठाती है। समिति जब्ती के सभी मामलों का अवलोकन कर इनकी वापसी के संबंध में निर्णय लेती है।

जब्ती दस्तावेज में जब्ती के विरुद्ध अपील की प्रक्रिया का उल्लेख होता है। नकदी की जब्ती के समय संबंधित व्यक्ति/व्यक्तियों को जब्तीनामा की प्रति के साथ इसकी भी सूचना दी जाती है। व्यय अनुवीक्षण के नोडल अधिकारी द्वारा नकदी रिलीज करने के संबंध में सभी प्रकार की सूचना का एक रजिस्टर में रख-रखाव किया जाता है। यह रजिस्टर क्रमांकित और तिथिवार होती है। इसमें अवरुद्ध या जब्त नकदी की राशि और संबंधित व्यक्ति/व्यक्तियों को छोड़ दिए जाने की तारीख का विवरण होता है।

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा एफएसटी एवं एसएसटी द्वारा की गई नकदी आदि की जब्ती के सभी मामलों को तत्काल जिला स्तरीय समिति के ध्यान में लाने संबंधी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं जिससे इन मामलों पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सके। आयोग ने निर्देशित किया है कि किसी भी परिस्थिति में जब्त की गई नकदी या बहुमूल्य वस्तुओं से सबंधित मामले मालखाना या कोषागार में मतदान की तारीख के बाद सात दिनों से अनधिक समय के लिए तब तक लंबित नहीं रखे जाएंगे जब तक कि कोई प्राथमिकी या शिकायत न दर्ज की गई हो। यह रिटर्निंग अधिकारी का उत्तरदायित्व होगा कि वे ऐसे सभी मामलों को अपीलीय समिति के समक्ष प्रस्तुत करें और अपीलीय समिति के आदेशानुसार नकदी व बहुमूल्य वस्तुओं को रिलीज़ करें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button