कानून व्यवस्था

SUPREME COURT;’पंजाब मामले में आए फैसले को देखें केरल के राज्यपाल’, सुको ने राज्यपालों को उनकी सीमा याद दिलाई

नई दिल्ली,  सुप्रीम कोर्ट ने केरल के राज्यपाल से कहा है कि वह पंजाब के मामले में आए सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले को देखें। यह कहते हुए कोर्ट ने केरल के राज्यपाल पर विधेयकों को मंजूरी नहीं देने और लटकाए रखने का आरोप लगाने वाली केरल सरकार की याचिका पर सुनवाई बुधवार तक के लिए टाल दी। पंजाब के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने विधेयकों को मंजूरी देने के मामले में राज्यपालों को उनकी सीमा याद दिलाई है।

सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला 10 नवंबर को सुनाया था

उस फैसले में कोर्ट ने कहा है कि राज्यपाल राज्य के नाममात्र के मुखिया होते हैं। वह अनिश्चितकाल के लिए विधेयकों को दबा कर नहीं बैठ सकते। सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला 10 नवंबर को सुनाया था, जो सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर गुरुवार को अपलोड हुआ। फैसले में राज्यपालों के अधिकार और सीमा के बारे में व्यवस्था तय की गई है।

राज्यपाल के पास आठ विधेयक लंबे समय से लंबित

साथ ही सदन स्थगित करने, सत्रावसान करने व सदन की बैठक बुलाने के बारे में स्पीकर के अधिकार क्षेत्र को भी फैसले में स्पष्ट किया गया है। केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर आरोप लगाया है कि राज्यपाल के पास आठ विधेयक लंबे समय से लंबित हैं। शुक्रवार को मामला प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष सुनवाई पर लगा था। जब तक मामला सुनवाई पर आया, तब तक कोर्ट का समय समाप्त हो गया था।

केरल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील केके वेणुगोपाल ने कोर्ट के ताजा फैसले को उद्धृत किया। तभी कोर्ट ने केरल के राज्यपाल के सचिवालय की ओर से पेश अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणी से कहा कि वह राज्यपाल के सचिवालय से कहें कि वह पंजाब के मामले में आया सुप्रीम कोर्ट का ताजा फैसला देखे। सुप्रीम कोर्ट में विभिन्न राज्यों के मामले आ चुके हैं, जिनमें राज्यपालों पर लंबे समय तक विधेयकों को मंजूरी नहीं देने का आरोप लगाया गया है। पहले तेलंगाना का मामला आया था। उसके बाद पंजाब का मामला आया, जिस पर कोर्ट ने 10 नवंबर को फैसला सुनाया। केरल के अलावा तमिलनाडु का मामला भी कोर्ट में लंबित है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button