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WEATHER;मैनपाट में बर्फबारी, पारा चार डिग्री से भी नीचे, कड़ाके की ठंड से लोग हलाकान

 रायपुर, उत्तर भारत की बर्फ़ीली हवा के असर से सरगुजा संभाग कड़ाके की ठंड की चपेट में है। कंप-कपा देने वाली ठंड के बीच शुक्रवार को सरगुजा के पहाड़ी क्षेत्र मैनपाट में इस सीजन में पहली बार पाला पड़ा है। यहां न्यूनतम तापमान जल के जमाव बिंदु तक पहुंच गया है। सुबह मैनपाट के नर्मदापुर सहित कई इलाकों में पेड़ पौधों, झाड़ियों, घास के मैदान और पुआल के ढेर में सफेद बर्फ की चादर के समान पाला जमा नजर आया। मैनपाट में न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड 3.6 डिग्री दर्ज किया गया है।

इस सीजन में पहली बार मैनपाट सहित अन्य पहाड़ी इलाकों में तापमान अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंचा है। यहां सुबह से सर्द हवाएं चल रही है। लोगों को दिन में भी गर्म कपड़े पहनने पड़ रहे हैं। इधर संभाग मुख्यालय अंबिकापुर में इस सीजन का सबसे ठंडा दिन दर्ज किया गया। शुक्रवार को यहां का न्यूनतम तापमान छह डिग्री पहुंच गया है। यह सामान्य से तीन डिग्री नीचे है।

मौसम विज्ञानियों के अनुसार वर्तमान में किसी तरह का मौसमी व्यवधान नहीं होने के कारण आने वाले एक सप्ताह तक सरगुजा संभाग में कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है। दिसंबर के पहले सप्ताह में मिचौंग तूफान और पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से सरगुजा संभाग में अच्छी बारिश हुई। अंबिकापुर में करीब 30 मिली मीटर वर्षा रिकार्ड की गई। बारिश के बाद जैसा की मौसम विभाग ने तापमान में कई डिग्री की गिरावट होने और कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना जताई थी। बादल हटते ही ऐसा ही कुछ हुआ। मौसम खराब होने से पहले जहां अंबिकापुर का न्यूनतम तापमान 17 डिग्री तक पहुंच गया था वह शुक्रवार को अपने न्यूनतम स्तर 6.1 डिग्री पर पहुंच गया है।

मौसम साफ, ठंड से नहीं मिलेगी राहत

मौसम विज्ञानी ए एम भट्ट ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ का व्यवधान जब अपने बादलों की छतरी लेकर आता है तब ही ठंड से कुछ दिनों की राहत मिल पाती है , अन्यथा तापमान में निरंतर कमी आती है। अभी जब वातावरण में कोई व्यवधान नहीं है तब ठंड ने अच्छी तरह उत्तर भारत पर प्रभाव दिखाना प्रारम्भ कर दिया है। आने वाले एक सप्ताह तक ठंड से राहत की संभावना कम है।

पिछले पांच – छह दिनों से अम्बिकापुर सहित पूरे सरगुजा संभाग में तापमान में लगातार कमी दर्ज की जा रही है। शुक्रवार को अम्बिकापुर नगर का न्यूनतम तापमान 6.1 डिग्री तक गिर चुका है, जबकि पठारी क्षेत्रों का तापमान जल के जमाव बिंदु तापमान अर्थात चार डिग्री के नीचे चला गया है। इसी के चलते मैनपाट क्षेत्र में आज पाला जमा है।

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