राज्यशासन

RICE; सेन्ट्रल पूल में 15 लाख मेट्रिक टन उसना चावल लेने एफसीआई. सहमत,चावल उपार्जन का कोटा 74 लाख मेट्रिक टन

रायपुर, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के अनुरोध पर भारत सरकार ने सेन्ट्रल पूल में 15 लाख मेट्रिक टन उसना चावल लिए जाने की सहमति दी है। मुख्यमंत्री ने आज ही केन्द्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा था तथा राज्य हित में उसना चावल लिए जाने का आग्रह किया था। भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ शासन को पत्र भेजकर सेन्ट्रल पूल में 15 लाख मेट्रिक टन उसना चावल लिए जाने की सहमति की सूचना दी है। 

0 छत्तीसगढ़ राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि

यह राज्य के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। छत्तीसगढ़ से उसना चावल उपार्जित किए जाने की अनुमति काफी दिनों से लंबित थी। मुख्यमंत्री ने भारत सरकार से उसना चावल के उपार्जन की अनुमति मिलने पर कहा कि डबल इंजन की सरकार होने से राज्य को यह फायदा मिला है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल का इसके लिए राज्य की ओर से आभार जताया है। 

चावल उपार्जन का कोटा 74 लाख मेट्रिक टन

सीएम विष्णु देव साय ने राज्य में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन की स्थिति एवं कस्टम मिलिंग की ओर केन्द्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल का ध्यान आकर्षित करते हुए 21 दिसंबर को पत्र लिखा था। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में सेन्ट्रल पूल में चावल उपार्जन का कोटा 61 लाख मेट्रिक टन से बढ़ाकर 74 लाख मेट्रिक टन करने के साथ ही राज्य से 59 लाख मेट्रिक टन अरवा तथा 15 लाख मेट्रिक टन उसना चावल लिए जाने का अनुरोध अपने पत्र में किया है। 

130 लाख मेट्रिक टन धान का उपार्जन अनुमानित

छत्तीसगढ़ में खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में 20 दिसंबर की स्थिति में समर्थन मूल्य पर 8.68 लाख किसानों से 39.63 लाख मेट्रिक टन धान का उपार्जन किया जा चुका है एवं प्रतिदिन 3 लाख मेट्रिक टन से ज्यादा धान की आवक हो रही है। इस साल किसानों से समर्थन मूल्य पर लगभग 130 लाख मेट्रिक टन धान का उपार्जन अनुमानित है। जिसके कस्टम मिलिंग से 88 लाख मेट्रिक टन चावल निर्मित होगा। इसमें से केन्द्रीय पूल में लगभग 74 लाख मेट्रिक टन (भारतीय खाद्य निगम में 58 मेट्रिक लाख टन एवं नागरिक आपूर्ति निगम में 16 लाख टन) एवं स्टेट पूल में 14 लाख टन चावल का उपार्जन किया जाएगा।

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