कला -सहित्य

LECTURE; नारायण बोले-भारत की समृद्ध संस्कृति, विरासत, परंपराओं और रीति-रिवाजों और उसकी  विविधता को जानना जरुरी

0 विकसित भारत कार्यक्रम के अंतर्गत  व्याख्यान माला

नारायणपुर, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाई कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र केरलापाल, नारायणपुर द्वारा विकसित  भारत @ 2047  कार्यक्रम के अंतर्गत “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” व्याख्यानमाला रखी गई।  इस  कार्यक्रम में मुख्य अतिथि नारायण नामदेव , सामाजिक कार्यकर्ता , बिलासपुर  विशिष्ट अतिथि खेमलाल  नाग, नारायानपुर  राम दयाल कंकेर , डॉ. दिब्येंदु दास कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख तथा मोरधवज दास मणिकपुरी, शिक्षक उच्च प्राथमिक शाला  उपस्थित थे।  

मुख्य अतिथि और प्रमुख वक्ता नारायण  नामदेव  ने कहा कि भारत एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर से भरपूर देश है, जिसमें अनेक जातियाँ, भाषाएँ, धर्म और संस्कृतियाँ आपसी रूप से मिलकर विशेषता बनाती हैं। हमारे देश में विभिन्न प्रांतों में अलग-अलग सांस्कृतिक परिपर्णाएँ, त्योहार, और परंपराएँ हैं, लेकिन हम सभी एक ही मातृभूमि के नागरिक हैं।  “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के माध्यम से भारत की समृद्ध संस्कृति, विरासत, परंपराओं और रीति-रिवाजों और उसकी  विविधता को जाने। हमें अपने विभिन्नता को समृद्धि का स्रोत बनाने के लिए उपयोग करना चाहिए, न कि भेदभाव और विवाद को बढ़ावा देना चाहिए। हमें एक-दूसरे के साथ सहयोग करने में रुचि रखनी चाहिए और भारतीय समाज को एकता की दिशा में प्रेरित करना चाहिए।

कार्यक्रम की अध्यक्षता अधिष्ठाता एवं कार्यक्रम  अधिकारी, राष्ट्रीय सेवा योजना  कृषि महाविद्यालय एवं अनुशंधान केंद्र केरलापाल नारायणपुर डॉ. रत्ना नशीने ने की । डॉ. रत्ना नशीने  ने कहा कि भारत  देश में विभिन्नता का होना गौरव की बात है, क्योंकि यह हमारी समृद्धि का स्रोत है। विभिन्न भाषाएँ और भाषाओं का विकास हमारे सांस्कृतिक और भाषाई धरोहर का हिस्सा है। हमें इसे समझने की कोशिश करनी चाहिए कि हर भाषा और संस्कृति की अपनी महत्वपूर्ण भूमिका होती है और यह सभी का संयम और समरसता का प्रतीक है। “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के विचार से हमें सामरसता और सद्भावना की महत्ता की समझ मिलती है। हमें अपने समाज में सभी वर्गों, जातियों और धर्मों के लोगों के साथ मिलकर रहने की कल्पना करनी चाहिए और उनकी भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। तभी हम विकसित भारत का सपना साकार कर सकते है। 

इस अवसर पर कृषि महाविद्यालय से अतिथि शिक्षक सूर्यकांत चौबे, किशोर मंडल, डॉ.सुमित, डॉ. कृष्णा गुप्ता, डॉ. नवनीत ध्रुवे के साथ साथ  कृषि महाविद्यालय एवं अनुशंधान केंद्र केरलापाल नारायणपुर के राष्ट्रीय सेवा योजना  स्वयं सेवक अंगद राज बग्गा, कीर्ति साहू,  एवं गरिमा, अंकिता  मण्डल, प्रीति संगले , निखिल झा, कौशलया, एवं अन्य उपस्थित थे। 

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