राजनीति

P0LITICS; लोकसभा चुनाव के पहले काम-काज पर सरकार की सख्ती, देरी हुई तो ठेकेदार-अफसर पर गाज गिरना तय

रायपुर, लोकसभा चुनाव के पहले विभागों में प्रशासनिक कसावट बढ़ती जा रही है। इसकी बड़ी वजह यह है कि आचार संहिता के पहले विकास कार्यों के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट समय पर पूरे हो सके। इसमें लोक निर्माण विभाग, आवास एवं पर्यावरण, नगरीय प्रशासन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी आदि विभागों के कार्य प्रमुख है। सरकार के चुनावी मोड में आने के बाद अब विभागीय समीक्षाओं का दौर भी शुरू हो चुका है।

मंत्रियों ने विभागों की समीक्षा बैठक में साफ कर दिया है कि जनता से जुड़े कार्यों में देरी हुई तो परिणाम ठेकेदार ही नहीं बल्कि अधिकारियों को भी भुगतने होंगे। इसलिए जरूरी है कि समय-सीमा के भीतर काम पूरे हो। अधिकारियों को हर हफ्ते प्रोग्रेस रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार ने आचार संहिता के पहले महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य रखा है।

जल जीवन मिशन के 234 कार्य निरस्त

कार्यों में लेटलतीफी पर क्रेडा ने जल जीवन मिशन के 234 कार्यों का ठेका रद कर दिया है। दो दिन पहले समीक्षा बैठक में रायपुर, महासमुंद, बलौदाबाजार, धमतरी एवं गरियाबंद जिलों में क्रेडा द्वारा संचालित जल जीवन मिशन, सौर सुजला योजना, सोलर हाई मास्ट लाइट परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई। समय-सीमा में कार्य पूर्ण न कर पाने की वजह से 12 इकाइयों के 234 कार्य निरस्त किए गए। क्रेडा ने गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में काम पूरे करने के लिए नियंत्रण सेल का भी गठन कर दिया है।

दो साल पीछे इसलिए 210 करोड़ का काम छीना

सड़क, स्कूल, सौंदर्यीकरण, बिजली आदि महत्वपूर्ण कार्य में दो वर्ष की लेटलतीफी पर आवास एवं पर्यावरण विभाग ने बीते दिनों 210 करोड़ रुपये के कार्यों का टेंडर रद कर दिया। विभागीय मंत्री ओपी चौधरी ने साफ कर दिया कि समय पर काम पूरे नहीं करने वाली कंपनी और ठेकेदार को परिणाम भुगतने होंगे। इस मामले में विभागीय अधिकारियों से भी जवाब मांगा गया है।

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