कृषि

PADDY;धान बेचने के लिए फड़ों में लगी ट्रेक्टरों की लंबी कतार, किसान हलाकान, अब धान बेचने ३ दिन शेष

नारायण भोई

रायपुर, प्रदेश के धान मंडियों में इन दिनों समर्थन मूल्य में धान बेचने के लिए किसानों की लंबी लाइन लगी हुई है। मंडियों में धान का उठाव नही होने से बफर लिमिट से अधिक धान जमा हो चुका है। वहीं बारिश ने समिति प्रबंधकों की नींद हराम कर दी है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने समर्थन मूल्य में धान खरीदी के लिए अंतिम तारीख 31 जनवरी तय की हुई है। इस लिहाज से,अब धान खरीदी के लिए महज 3 दिन का समय ही बच गया है।

छत्तीसगढ़ में खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 के तहत एक नवंबर 2023 से धान खरीदी का अभियान निरंतर जारी है। राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष मोदी की गारंटी के अनुरूप किसानों से 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान की खरीदी की जा रही है।
मार्कफेड के महाप्रबंधक से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य में समर्थन मूल्य पर अब तक 22 लाख 94 हजार 718 किसानों से 127 लाख 37 हजार 970 मीट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है। इसके एवज में किसानों को 27 हजार 504 करोड़ रूपए से अधिक की राशि का भुगतान बैंक के माध्यम से किया गया है। धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए निरंतर धान का उठाव जारी है। अब तक 99 लाख 06 हजार 412 मीट्रिक टन धान के उठाव के लिए डीओ जारी किया गया है, जिसके विरूद्ध मिलर्स द्वारा 84 लाख 23 हजार 264 मीट्रिक टन धान का उठाव किया जा चुका है।

अब अंतिम दिन नजदीक आ जाने से धान बेचने के लिए किसानों में आपाधापी मची हुई है। नतीजा उपार्जन केन्द्रों के बाहर किसानों की लंबी लाइनें लगी हुई है। बारिश के कारण इस हफ्ते धान की खरीदी भी प्रभावित हुई ! कई उपार्जन केंद्र बंद रहे !महासमुंद जिले में भी कई केन्द्रों में ताला लटका रहा ! सरगुजा में ज्यादा प्रभाव पड़ा, जहां हफ्ते भर बूंदाबांदी के साथ बारिश हुई है !

सरगुजा के जशपुर जिले के सारूडीह से धान बेचने के लिए गम्हरिया मंडी पहुंचे किसान उमेश एक्का ने बताया कि इस महिने में लगभग 10 दिन मौसम खराब होने के कारण किसान मंडियों तक नहीं पहुंच पाए। गम्हरिया मंडी के प्रबंधक राजेश साहू ने बताया कि मंडी में जिन किसानों का टोकन जारी किया गया है उन सभी किसानों से धान खरीदी की जाएगी । इसके लिए मंडी में 10 अतिरिक्त मजदूर बढ़ाए गए हैं। रात 9 बजे तक खरीदी का काम पूरा करना होता है। इसके बाद साफ्टवेयर लाक हो जाता है। प्रदेश भर में कमोबेश यही स्थिति है!

इधर मंडियों से धान उठाव की गति सुस्त होने से,मंडियों में धान जाम होने की स्थिति बन गई है। विपणन विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के उपार्जन केन्द्रों में तय बफर लिमिट से अधिक धान जमा हो चुके हैं। आंकड़ों के अनुसार 23 जनवरी की स्थिति में अब तक 84 लाख 23 हजार 264 मीट्रिक टन धान का उठाव हो चुका है। करीब ४२ लाख मी टन धान फडो में पड़ा हुआ है !

धान खरीदी तिथि बढ़ाने की मांग

छत्तीसगढ़ में विपक्षी कांग्रेस ने राज्य में धान खरीद अभियान को 1 मार्च तक बढ़ाने की मांग की है. साथ ही उसने दावा किया है कि पांच लाख से अधिक किसानों ने अभी तक अपनी उपज नहीं बेची है. पिछले साल 1 नवंबर को शुरू हुआ खरीद अभियान 31 जनवरी को समाप्त होने वाला है. राज्य कांग्रेस प्रमुख और सांसद दीपक बैज ने बुधवार को एक बयान में कहा कि धान खरीद अभियान को 1 मार्च तक बढ़ाया जाना चाहिए ताकि खरीद का लक्ष्य हासिल किया जा सके और किसान अपनी उपज बेच सकें. कांग्रेस की माने तो राज्य में अभी भी भारी संख्या में किसानों ने धान नहीं बेचा है. ऐसे में उन्हें एक महीने का अभी और समय मिलना चाहिए.

उन्होंने दावा किया कि पांच लाख से अधिक किसानों ने अभी तक अपना धान नहीं बेचा है. दीपक बैज ने कहा कि पिछले साल दिसंबर में नवनिर्वाचित भाजपा सरकार द्वारा प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदने का आदेश देने से पहले, बड़ी संख्या में किसान पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा निर्धारित प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान पहले ही बेच चुके थे और उन्हें अभी भी अतिरिक्त एक क्विंटल धान बेचना बाकी है. उन्होंने कहा कि  पिछली कांग्रेस सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2023-24 में 135 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा था. अब, प्रति एकड़ 21 क्विंटल खरीद के फैसले के बाद, खरीद लक्ष्य भी बढ़ जाएगा.

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