कानून व्यवस्था

INCOME TAX;आखिर पूर्व मंत्री अमरजीत भगत के यहां आयकर विभाग की दबिश क्यों ?

रायपुर, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के सत्ता से बाहर होने के बाद आयकर विभाग ने पहला हमला पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत सहित उनके कार्यालय में सक्रिय डिप्टी कलेक्टर और ओएसडी अतुल शेट्टे सहित उनके अंबिकापुर के सहायक राजेश वर्मा के अलावा  उनके कारोबारी मित्रके यहां धावा बोला है। अमरजीत भगत के खिलाफ ईओडबल्यू में 45लाख रूपये की अवैध रूप से राशि प्राप्त करने के लिए एफ आई आर भी लिखवाई गई है। आयकर विभाग के छापे को कई एंगल से देखा जा रहा है। अमरजीत भगत के ओ एस डी के द्वारा रायपुर और रायगढ़ में भव्य मकान बनाने के लिए करोड़ो रुपए के लेनदेन की भी शिकायत थी।

आयकर विभाग को इस बात की जानकारी थी कि राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के चांवल में बीते पांच सालो में भारी पैमाने पर गड़बड़ी कराई गई है। इसके अलावा कोरोना के समय केंद्र द्वारा प्रधानमंत्री खाद्यान्न  योजना के चांवल में भी गड़बड़ी  कराई गई है।  खाद्य विभाग में अपने पसंद डायरेक्टर बिठा कर खाद्य विभाग के एनआईसी के जरिए  तेरह हजार में से पांच हजार राशन दुकानों को चांवल शक्कर का भारी स्टॉक होने के बावजूद पूरा कोटा जारी किया गया। इस गड़बड़ी को पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह सहित भाजपा के सभी विधायको ने विधान सभा में उठाया था।

खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने स्वीकार भी किया था कि 600 करोड़ का चांवल शक्कर की कमी पाई गई है और 1.5लाख मेट्रिक टन चांवल की वसूली कर ली गई है। वास्तविकता यह थी कि खाद्य संचालनालय के आला अधिकारी राशन घोटाले में लीपा पोती करने के नाम पर पहले 13 हजार राशन दुकानों का घोषणा पत्र गायब करवा दिए। इसके बाद राशन दुकानदारों पर  पुलिस कार्यवाही का दबाव बना कर बाजार से चांवल खरीदवा कर रखवाया गया। राजस्व वसूली के नाम पर शपथ पत्र ले कर वसूली बता दिया। वास्तव में केवल तकनीकी त्रुटि बता कर करोड़ो रुपए की वसूली खाद्य संचालनालय के आला अधिकारी द्वारा करवा कर ऊपर अनुचित लाभ पहुंचाया गया है। अगर दुकानों में कोटा था तो  फिर सौ फीसदी कोटा क्यों दिया गया।

खाद्य विभाग के सेवा निवृत अधिकारी रमेश चंद्र गुलाटी ने इस विषय को लेकर आयकर विभाग,ईडी और सीबीआई सहित प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, खाद्य मंत्री पीयूष गोयल सहित वर्तमान मुख्य मंत्री विष्णु देव साय को दस्तावेजी प्रमाण के साथ शिकायत किया है। श्री गुलाटी ने बताया कि कांग्रेस शासनकाल में खाद्य संचालनालय के एक अधिकारी द्वारा नियम को ताक में रख कर भारतीय जनता पार्टी के समय बने नियम दो माह पूरा कोटा और तीसरे महीने बीते दो महीने के बचत को घटा कर कोटा देने के प्रावधान का उल्लघंन किया गया है। यह उल्लघंन आवश्यक वस्तु अधिनियम में 7 साल की सजा का अपराध है।

2019 में देश की एक नंबर की सार्वजनिक वितरण प्रणाली उन्नीसवे स्थान पर पहुंच गई है। रमेश चंद्र गुलाटी द्वारा खाद्य संचालनालय के एक अधिकारी की नामजद शिकायत सभी जांच एजेंसियों को कर उन्हे हटाकर जांच की मांग की है। ज्ञात रहे कि पश्चिम बंगाल के खाद्य मंत्री ज्योति प्रिय मलिक को ईडी ने राशन घोटाले में  बीते अक्तूबर महीने में गिरफ्तार किया हुआ है।

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