कानून व्यवस्था

GST; छत्तीसगढ़ में जीएसटी टीम ने पकड़ी करोड़ों की टैक्स चोरी, व्यापारियों ने 7.60 करोड़ रुपये किए सरेंडर

 रायपुर, राज्य जीएसटी ने टैक्स चोरों के खिलाफ अभियान शुरू किया है। बीते तीन दिनों से प्रदेश भर में कार्रवाई कर रही है। बताया जा रहा है कि विभाग आइटी टूल्स का प्रयोग कर टैक्स चोरी पकड़ रहा है। साथ ही ई-वे बिल की जांच कर रहा है। सूचनाओं व फील्ड से मिली जानकारी के आधार पर भी कार्रवाई की जा रही है। बीते तीन दिनों में विभाग ने करोड़ों की टैक्स चोरी पकड़ी है और व्यापारियों ने सात करोड़ 60 लाख रुपये सरेंडर किए हैं। मालूम हो कि इस बार प्रदेश के बजट में राज्य कर विभाग के अंतर्गत बिजनेस इंटेलिजेंस यूनिट के गठन के लिए भी कहा गया है।

बताया जा रहा है कि आरएआइएस पेट्रोलियम रायपुर द्वारा एक करोड़ रुपये मौके पर ही सरेंडर किया गया। रायपुर के ही केंडिड सिक्योरिटी सर्विसेस ने भी रिटर्न में टैक्स जमा नहीं किया था, छापामार कार्रवाई के दौरान इन्होंने भी एक करोड़ रुपये टैक्स जमा किया। वहीं, एएस माइनिंग द्वारा परिवार के सदस्यों के नाम से फर्म बनाकर ट्रेडिंग करते हुए टैक्स की देनदारी छिपाई जा रही थी। इनके मनेंद्रगढ़ व रायपुर स्थित कार्यालयों में अधिकारियों ने छापा मारा गया तो मौके पर ही 30 लाख रुपये जमा किए गए। इसी तरह अग्रवाल स्टील एंड पाइप संस्थान में भी कार्रवाई की गई, जहां 30 लाख रुपये जमा किए गए। श्याम स्टील इंडस्ट्रीज ने पांच करोड़ रुपये का जीएसटी कम जमा करना स्वीकार किया गया और 3 करोड़ रुपये का टैक्स मौके पर ही जमा किया।

इन व्यापारियों पर कार्रवाई

स्टेट जीएसटी विभाग से मिली जानकारी के अनुसार रायपुर, दुर्ग, जांजगीर और मनेंद्रगढ़ में 11 व्यापारियों आरएआइएस पेट्रोलियम रायपुर, एएस माइनिंग मनेंद्रगढ़, स्काई अलोय एंड पावर लिमिटेड रायगढ़, केंडिड सिक्योरिटी रायपुर, पिलानिया स्टील दुर्ग, पिलानिया इंडस्ट्रीज दुर्ग, रेफेक्स इंडस्ट्रीज जांजगीर, अग्रवाल स्टील एंड पाइप रायपुर, श्याम स्टील इंडस्ट्रीज रायपुर, ईश्वर इस्पात व ईश्वर टीएमटी के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की गई। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि यहां मौके पर ही लगभग सात करोड़ 60 लाख रुपये का सरेंडर कराया गया। इसके साथ ही ई-वे बिल की जांच भी नियमित की जा रही है।

28 गाड़ियों से 57 लाख की पेनाल्टी वसूली

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार फरवरी में अब तक विभाग ने रायपुर संभाग में 33, बिलासपुर संभाग में 34 और दुर्ग संभाग में नौ गाड़ियों को ई वे बिल में अनियमितता पाए जाने पर जब्त किया है। इनमें से 28 गाड़ियों से लगभग 57 लाख रुपये की पेनाल्टी वसूली गई है। शेष गाड़ियों पर कार्रवाई अभी जारी है। बोगस फर्म बनाकर उनके नाम पर माल परिवहन करने वालों पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है।

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