कानून व्यवस्था

JAIL;गैंगवार के साथ कैदियों से उगाही रोकने छत्‍तीसगढ़ के केंद्रीय जेलों में लगेंगे स्कैनर

रायपुर, छत्‍तीसगढ़ के रायपुर समेत पांच सेंट्रल जेलों में जल्द ही मेटल डिटेक्टर और स्कैनर मशीन लगाई जाएगी। दरअसल, प्रहरियों की मिलीभगत से जेल के भीतर प्रतिबंधित सामान पहुंचाने की शिकायतें आम है। इसे ध्यान में रखकर इन मशीनों के जेल के मुख्य द्वार पर लगने से प्रहरियों की भूमिका उजागर हो सकेगी। जेल के अधिकारियों ने बताया कि रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, अंबिकापुर और जगदलपुर सेंट्रल जेल में मेटल डिटेक्टर और स्कैनर मशीन लगाने की तैयारी चल रही है। जेल मुख्यालय इसकी खरीदी करने में जुटा हुआ है।

पिछले दिनों रायपुर जेल की जेल डीजी राजेश मिश्रा, एसएसपी संतोष सिंह ने आकस्मिक जांच की थी। जांच के दौरान गुटखा, तंबाकू और पेन ड्राइव बरामद हुआ था। वहीं, हिस्ट्रीशीटर मुकेश बनिया ने पैसे न देने पर मारपीट का एक वीडियो बनाकर प्रसारित किया था। इस तरह की घटनाओं को रोकने स्कैनर व मेटल डिटेक्टर मशीन लगाने का निर्णय लिया गया है। इससे जांच करने के बाद ही बंदियों को जेल के भीतर प्रवेश की अनुमति मिलेगी।

अब जेल के अंदर अपने साथ नहीं ले जा सकेंगे मोबाइल

जेल अधिकारियों ने बताया कि मेटल डिटेक्टर और स्कैनर मशीन लगने से बंदियों के साथ जेल के अंदर ड्यूटी करने वाले प्रहरियों को जांच के बाद ही भीतर प्रवेश मिलेगा। वह अपने साथ मोबाइल नहीं ले जा सकेंगे। गेट पर ही सभी को मोबाइल जमा करना होगा। जेल मुख्यालय ने सभी जेल अधिक्षकों को निर्देश जारी किए हैं।

दरअसल किसी भी तरह के आरोप से बचने और कैदियों द्वारा मोबाइल से बातचीत करने की शिकायत मिलने के बाद यह फैसला लिया गया है, हालांकि सेंट्रल जेलों में जैमर लगा हुआ है, लेकिन जिला और उप जेल में नहीं होने के कारण प्रहरियों की मदद से बंदी चोरी-छिपे मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं। जेल के भीतर जाने वाले सभी तरह के सामानों को स्कैनर मशीन के माध्यम से जांच किया जाएगा। वहीं, मेटल डिटेक्टर मशीन से कैदियों की जांच की जाएगी।

पैसे देकर ले रहे सुविधाएं

सेंट्रल जेल के रसूखदार कैदियों को वीआइपी सुविधाएं उपलब्ध कराने की लगातार शिकायत मिलने पर डीजी जेल राजेश मिश्रा और एसएसपी संतोष सिंह ने पिछले महीने अचानक जेल में दबिश दी थी। पुरुष और महिला जेल में लगभग तीन घंटे तक चली जांच में तंबाकू, गुटखा और तीन खाली पेन ड्राइव जब्त किए गए थे। अधिकारियों को सामान्य बंदियों ने बताया था कि रसूखदार बंदियों से अधिकारी और कुछ प्रहरी पैसे लेकर सुविधाएं दे रहे हैं। यहीं नहीं बंदियों से मिलाने उनके स्वजनों, मित्रों से पैसे की वसूली की जाती है। इसके बाद ही जेल डीआइजी समेत छह अधिकारियों,कर्मचारियों को यहां से हटा दिया गया था।

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