राजनीति

DEATH;मुख्‍तार अंसारी का पोस्टमॉर्टम खत्म, शव ले जाने की तैयारी शुरू

नई द‍िल्‍ली, बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार देर रात मौत हो गई। रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुनील कौशल ने बताया कि मुख्‍तार की मौत कार्डियक अरेस्ट से हुई है। उन्होंने बताया कि उसे बेहोशी की हालत में यहां लाया गया था। जेलकर्मियों ने उसे उल्टियां आने की जानकारी दी थी। सूत्रों के अनुसार मुख्तार ने खिचड़ी खाई थी। उसे खून की उल्टी आने की भी चर्चा है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हुई।

उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार देर रात मौत हो गई। परिजनों की ओर से दी गई सूचना के अनुसार, परिवार का गाजीपुर जिले के काली बाग में पारिवारिक कब्रिस्तान है। वहीं पर मुख्तार को सुपुर्द-ए-खाक करने की तैयारी की जा रही है। जिले में भारी सुरक्षा व्यवस्था भी की गई है।

उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा, “न्यायिक अभिरक्षा में यदि किसी की भी मौत होती है तो ये एक गंभीर विषय है और उसके बारे में एक प्रक्रिया बनी हुई है… जब मुख्तार अंसारी पंजाब से उत्तर प्रदेश लाए गए थे तब भी उनकी गंभीर अवस्था थी। इससे पहले भी, वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने अदालत को मुख्तार अंसारी के स्वास्थ्य के बारे में अवगत कराया था और कहा था कि उन्हें चिकित्सा सहायता की आवश्यकता है… उसके बाद, उन्हें सभी उचित चिकित्सा उपचार प्रदान किए गए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इसके बावजूद कार्डियक अरेस्ट के कारण उनकी मृत्यु हो गई।”

मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने बताया, “हमने लिखित में दिया है कि दिल्ली AIIMS के डॉक्टरों से पोस्टमॉर्टम करवाया जाए। हमें यहां की चिकित्सा प्रणाली और शासन-प्रशासन पर विश्वास नहीं है… पंचनामे की सारी चीजें हो गई हैं। डीएम को फैसला करना है।”

सपा नेता शिवपाल सिंह यादव ने कहा, “इस परिवार से हमारे बहुत अच्छे संबंध थे… उनकी मौत संदिग्ध है। इसलिए कोर्ट को स्वत: संज्ञान लेना चाहिए। अगर जेल में किसी की मौत होती है तो जिम्मेदारी सबकी बनती है। जेल प्रशासन से लेकर राज्य सरकार तक।ग़ाज़ीपुर की डीएम आर्यका अखौरी का कहना है, “सारी व्यवस्थाएं कर ली गई हैं, फोर्स की तैनाती और मजिस्ट्रेट की तैनाती कर दी गई है। हर कोई ड्यूटी पर है। जुमे की नमाज भी है, हमें यह सुनिश्चित करना है कि यह शांतिपूर्ण माहौल में हो सके।

स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने कहा- यह स्‍वाभाव‍िक मौत नहीं…

 मुख्तार की मौत को लेकर स्‍वामी प्रसाद मौर्य एक्‍स पर ल‍िखा, यह स्वाभाविक मौत नहीं हत्या की साज‍िश प्रतीत होती है, पहले डॉक्टरों के पैनल ने अस्पताल से डिस्चार्ज किया और कुछ घंटों बाद ही उनकी मौत, पारिजनों द्वारा लगाए गए हत्या की साजिश की पुष्टि करती है। अत: पूरे घटनाक्रम की जांच मा. उच्च न्यायालय की देखरेख में होना चाहिए यहां तक कि पोस्टमार्टम भी मा. उच्च न्यायालय के किसी जज के अभिरक्षण में ही किया जाना चाहिए, जिससे कि न्याय का गला घोटने वालों का चेहरा बेनकाब हो सके तथा थानो, जेलों, पुलिस अभिरक्षण में साजिशन किए जा रहे इस प्रकार के हत्याओं के फैशन पर विराम लग सके।

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