राजनीति

उपराष्ट्रपति भारत 2030 तक दुनिया की तीसरी आर्थिक महाशक्ति होगा; युवाओं के लिए देश में आगे बढ़ने बेहतरीन अवसर

*उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रायपुर में हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्विद्यालय को संबोधित किया*

*लोकतंत्र में कानून से ऊपर कोई नहीं हो सकता है

*एक दशक पहले हमारे देश को पांच कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में गिना जाता था

*अब न्याय के लिए अधिक इंतजार नहीं करना पड़ेगा

*23 अगस्त को राष्ट्रीय स्पेस डे घोषित किया जाना बड़ी उपलब्धि

रायपुर,  हमने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान भेजा है, हमने संसद के विशेष सत्र में महिलाओं को आरक्षण देकर युगांतकारी विकास किया है। हम विघटनकारी प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, और इसे विकसित करने के लिए दूसरों की प्रतीक्षा नहीं कर रहे हैं, चाहे वह क्वांटम कंप्यूटिंग हो, ग्रीन हाइड्रोजन मिशन या 6जी, अब आपके लिए सब कुछ उपलब्ध है। आप दुनिया के सबसे अच्छे हिस्से में हैं। आपको केवल फ्रंटफुट पर खेलना होगा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी देश को समावेशी, महत्वाकांक्षी, कार्य उन्मुख निर्णायक नेतृत्व दे रहे हैं। युवाओं के लिए आगे बढ़ने के बेहतरीन अवसर हैं। यह बात उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में अपने संबोधन के अवसर पर कही।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आगे कहा कि आज देश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने का शुभ अवसर मिला है आप सब सौभाग्यशाली हैं। उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के लिए देश में आज एक ऐसा वातावरण  बना है  जिसमें सबके साथ समान व्यवहार किया जाता है और सभी को समान अवसर उपलब्ध हैं। लोकतंत्र का सही मतलब सबको समान अवसर प्रदान करना है, उन्होने कहा कि जब तक सभी को सामान अवसर नहीं मिलते तब तक प्रजातंत्र का कोई अर्थ नहीं होता, देश में सभी के लिए समान कानून व्यवस्था का होना आवश्यक है। कानून से ऊपर कोई नहीं है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश में एक ऐसी न्यायिक व्यवस्था बनाई जा रही है जिसमें आपको न्याय के लिए अधिक इंतजार नहीं करना पड़ेगा, उन्होने कहा कि इस समय हमारे देश में एक बहुत ही प्रतिभाशाली मुख्य न्यायाधीश हैं उन्होंने न्याय चाहने वालों के लिए न्यायिक व्यवस्था तक उनकी पहुंच को आसान बनाया है। 

उपराष्ट्रपति ने लोगों को याद दिलाते हुए कहा कि एक समय था जब मैं 1981 में संसद का सदस्य बना उस समय देश की आर्थिक साख को बचाने के लिए देश के सोने को विदेशों में गिरवी रखना पड़ा था, एक दशक पहले हमारे देश को पांच कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में गिना जाता था और दुनिया चिंतित थी, अब देखो दस साल में हम कहां से कहां पहुंच गए आज हम दुनिया की पांचवीं सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था बन गए हैं, हमने फ्रांस और यूके को जिन्होंने हम पर सदियों तक राज किया उनको पीछे छोड़ दिया है भारत पांच कमजोर अर्थव्यवस्थाओं से निकलकर पांचवीं सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था बना यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है, 2030 तक हम जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की तीसरी सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था बन जाएंगे।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज देश में अवसरों की कमी नहीं है आपको अपनी प्रतिभा को पहचान कर आगे बढ़ना होगा सरकार आपकी हर संभव सहायता करने के लिए तैयार है। भारत में प्रतिभा की कमी नहीं है, आज डिसरप्टिव टेक्नोलॉजी हमारे सामने एक चुनौती बनकर उभरी है जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीकी का सामना करना एक चुनौती है, आज दुनिया आज भारत की ओर देख रही है, भारत दुनिया में इन्वेस्टमेंट के लिए निवेश के लिए सबसे सुरक्षित स्थान है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने वर्ष 2022 में कमाल कर दिया है भारत का डिजिटल ट्रांजेक्शन यूके, यूएसए, फ्रांस और जर्मनी से चार गुना ज्यादा रिकॉर्ड किया गया,भारत का प्रति व्यक्ति डाटा कंजप्शन अमेरिका और चीन से भी ज्यादा है, भारत का उदय अभूतपूर्व रूप से आगे बढ़ रहा है और यह विकास यात्रा रुकने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारा अमृत काल गौरव कल बन चुका है, 2047 में हम में से कुछ लोग यहां नहीं होंगे लेकिन आप भारत के योद्धा बनकर भारत को विकसित भारत बनाएंगे, हमें पूरा विश्वास है कि भारत  विश्व गुरु होगा। उपराष्ट्रपति ने हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्विद्यालय के छात्रों से संवाद किया और उन्हें नई संसद भवन को देखने के लिए आमंत्रित किया।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्य न्यायधीश, एवं हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्विद्यालय के कुलपति, रमेश सिन्हा, पूर्व न्यायाधीश, उप कुलपति, प्रोफ़ेसर डॉ. विवेकानंद,  जस्टिस डी. रघुराम, पूर्व निदेशक, रजिस्ट्रार, विश्विद्यालय के प्रवक्ता, विश्वविद्यालय के छात्र तथा अन्य कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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