राजनीति

लोकसभा….. जिनका दूसरा घर था…

देश की लोकसभा का संवैधानिक कार्यकाल 5साल निर्धारित है। इसका उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 79 में है। केवल 1971 में निर्वाचित इंदिरा गांधी  की सरकार ने संविधान में संशोधन कर कार्यकाल 6 वर्ष किया था जिसे जनता पार्टी की सरकार ने संशोधित कर  फिर से 5 साल कर दिया। 1952 से 1989 तक देश में एक दल की सरकारें रही लेकिन अगले 24 साल तक किसी भी राजनैतिक दल को अकेले बहुमत नहीं मिला । बहुमत  मिला भी तो 2014 से लेकर अब तक सहयोगी दलों को एनडीए साथ लेकर चल रही है। देश की दूसरी बड़ी पार्टी कांग्रेस भी यूपीए बनाकर  सरकार चलाई थी। अब नया गठबंधन इंडिया अस्तित्व में आ गया है।

 इन राजनैतिक दलों अथवा गठबंधनों की सरकार आते जाते रही है लेकिन इन दलों में कुछ व्यक्तित्व ऐसे भी रहे  जिनकी  अपनी संसदीय क्षेत्र में लोकप्रियता इतनी थी कि वे हार जाए तो आश्चर्य होता था। भारतीय लोकसभा 1952 से अस्तित्व में आई और इसका जीवन काल 72 वर्ष का हो गया है। इन  सालो में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के इंद्रजीत  गुप्ता को आप संसद पुरुष का दर्जा दे सकते है। इंद्रजीत गुप्ता 4 लोकसभा सीट कलकत्ता, अलीपुर, बशीरहाट और मिदनापुर लोकसभा क्षेत्र से  विजयी  हुए।  11 बार विजयी होने वाले इंद्रजीत गुप्ता अकेले सांसद है। इंद्रजीत 1962 से निर्वाचित होना शुरू किया और 1977 से 1980 की अवधि को छोड़कर इंद्रजीत गुप्ता अपने मृत्यु पर्यन्त 20 फरवरी 2001 तक सांसद रहे। कुल मिला कर 60 साल तक इंद्रजीत गुप्ता सांसद रहे। 

   इंद्रजीत गुप्ता के बाद दस बार लोकसभा चुनाव जीतने वाले महामना अटल बिहारी वाजपेई है। अटल बिहारी वाजपेई 1957 में बलरामपुर उपचुनाव जीत कर सांसद बने।  वाजपेई  बलरामपुर के अलावा ग्वालियर,नई दिल्ली,लखनऊ और गांधीनगर लोकसभा सीट से चुनाव जीते थे। अटल बिहारी वाजपेई 46 साल तक सांसद रहे और देश के तीन बार प्रधान मंत्री भी बने। अटल बिहारी वाजपेई जनसंघ, जनता पार्टी और  भारतीय जनता पार्टी से निर्वाचित होने वाले सांसद रहे। सोमनाथ चटर्जी भी वर्धमान, माधवपुर,और बोलपुर लोकसभा से सांसद निर्वाचित हुए थे।

 लक्षद्वीप से कांग्रेस के पी एम सईद भी दोहरे अंक  दस को छुए थे

 9 बार सांसद निर्वाचित होने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के  वासुदेव आचार्य  और कांग्रेस के माणिक राव  होदिथा का नाम आता है। वासुदेव आचार्य पश्चिम बंगाल के बाकुंडा और माणिक राव  होदिथा महाराष्ट्र के  नंदुरबार  संसदीय  सीट से विजयी होते रहे है। गिरधर गोमांग कोरापुट (उड़ीसा), खगपती प्रधानी ,नवरंगपुर(उड़ीसा), माधव राव सिंधिया ग्वालियर और गुना (मध्य प्रदेश), और रामविलास पासवान हाजीपुर(बिहार) से 9बार सांसद निर्वाचित  हुए है। छत्तीसगढ़ के विद्याचरण शुक्ल भी महासमुंद और रायपुर से नौ बार निर्वाचित हुए है

 8 बार लोकसभा में निर्वाचित होने वाले में बरेली,(उत्तर प्रदेश) लोकसभा सीट के संतोष गंगवार, सासाराम (बिहार )के जगजीवनराम और छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)  के कमलनाथ है। सुमित्रा महाजन इंदौर (मध्य प्रदेश) से आठ बार निर्वाचित हुई है। शिबू सोरेन  दुमका(झारखंड) भी झारखंड मुक्ति मोर्चा से आठ बार जीत हासिल कर चुके है।वर्तमान में सुल्तानपुर लोकसभा सीट से भाजपा की प्रत्याशी मेनका गांधी भी पीलीभीत, आंवला, और सुल्तानपुर से लोकसभा  चुनाव जीती है।यदि वे इस बार  विजय हासिल करती है तो वे 9वी बार जीतेंगी।

स्तंभकार-संजय दुबे

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