कानून व्यवस्था

SCAM;कोरोना काल में हुए अनुकंपा नियुक्ति घोटाले की जांच शुरू, अफसर-कर्मियों पर गिरेगी गाज

रायपुर, छत्‍तीसगढ़ में कोरोना काल में हुए अनुकंपा नियुक्ति घोटाले की जांच अब आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने शुरू कर दी है। जिन कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी, उनसे संबंधित सभी दस्तावेज जिले के शिक्षा अधिकारी से ईओडब्ल्यू ने मांगी है। दस्तावेजों की जांच के बाद घोटाले में शामिल अधिकारियों-कर्मचारियों पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है। उल्लेखनीय है कि कोरोना काल में शिक्षा विभाग के कई कर्मियों ने जान गंवाई, जिसके बाद विभाग ने मृत कर्मियों के स्वजन को अनुकंपा नियुक्ति दी थी। इसमें भारी धांधली का आरोप लगा था।

शिकायत में कहा गया था कि शिक्षा विभाग ने बिना शपथ-पत्र की जांच के ही अनुकंपा नियुक्ति दे दी। इसे लेकर भाजपा ने जमकर हंगामा किया था। विधानसभा में भी यह मामला उठा था। विवाद बढ़ता देख गलत शपथ पत्र देने वाले 10 कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। साथ ही प्रभारी डीईओ दासरथी को निलंबित भी किया गया था। अनुकंपा नियुक्ति के नियमों में है कि दिवंगत विवाहित शासकीय सेवक के परिवार में यदि पूर्व से ही कोई सदस्य शासकीय सेवा में हैं तो अन्य किसी भी सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता नहीं होगी।

जानकारी छिपाई

शिक्षा विभाग में बैजनाथ राम सहायक ग्रेड-2 के पद पर शासकीय हाई स्कूल सिटोंगा विकासखंड जशपुर जिला जशपुर में पदस्थ थे। कोविड के दौरान छह अप्रैल 2020 को उनकी मृत्यु हुई। आठ जून 2020 को उसके पुत्र प्रेम कुमार राम को अनुकंपा नियुक्ति देने का आवेदन जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा हुआ था। अनुकंपा नियुक्ति समिति की अनुशंसा के आधार पर उसे चार फरवरी 2022 को सहायक ग्रेड 3 के पद पर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भुड़केला विकासखंड जशपुर जिला जशपुर में अनुकंपा नियुक्ति दी गई। प्रेम कुमार राम ने अपने पिता की जगह अनुकंपा नियुक्ति के लिए प्रस्तुत आवेदन पत्र एवं शपथ पत्र में इस बात की जानकारी छिपाई थी कि मृतक का एक और पुत्र व प्रेम कुमार राम का एक भाई मन कुमार राम शा. पूमा. विद्यालय तालसिली विकासखंड मनोरा जिला जशपुर में भृत्य है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button