कानून व्यवस्था

SC; क‍िसी और मामले की हो रही थी सुनवाई,ED के वकील को कोर्ट रूम देख, जस्‍ट‍िस खन्‍ना बोले- केजरीवाल पर 10 मई को दे सकते हैं फैसला

नई द‍िल्‍ली,  सुप्रीम कोर्ट द‍िल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरव‍िंद केजरीवाल की अंतर‍िम जमानत याच‍िका पर शुक्रवार को फैसला दे सकती है. आपको बता दें क‍ि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट की बेंच अंतर‍िम जमानत की ब‍िना तारीख तय क‍िए उठ गई थी. कोर्ट के इस फैसले से साफ हो जाएगा क‍ि केजरीवाल लोकसभा चुनाव प्रचार कर सकेंगे या नहीं. जस्‍ट‍िस संजीव खन्ना ने जस्‍ट‍िस दीपांकर दत्ता के साथ मिलकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की थी.

सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को जस्‍ट‍िस संजीव खन्ना ने क‍िसी अन्‍य मामले की सुनवाई कर रहे थी. कोर्ट रूप में जब जस्‍ट‍िस संजीव खन्‍ना को ईडी के वकील एसवी राजू द‍िखाई द‍िए तो उन्‍होंने उन्‍हें बुलाया. जस्‍ट‍िस खन्‍ना ने कहा क‍ि हम केजरीवाल की अंतर‍िम जमानत याच‍िका पर शुक्रवार को फैसला दे सकते हैं. केजरीवाल के खिलाफ ईडी की मनी लॉन्‍ड्र‍िंग मामले की जांच दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की शिकायत पर 2022 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज मामले के बाद शुरू हुई थी.

आरोप है कि केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और अन्य सहित आप नेताओं द्वारा कुछ शराब विक्रेताओं को लाभ पहुंचाने के लिए 2021-22 की दिल्ली आबकारी नीति में खामियां पैदा करने की आपराधिक साजिश रची गई थी. केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह तिहाड़ जेल में बंद हैं. ईडी ने पहले कहा था कि केजरीवाल के साथ किसी अन्य अपराधी से सिर्फ इसलिए अलग व्यवहार नहीं किया जा सकता क्योंकि वह एक राजनेता हैं.

केजरीवाल के वकील ने बाद में जवाब दिया कि हालांकि मुख्यमंत्री होने के नाते केजरीवाल अभियोजन से मुक्त नहीं हैं, लेकिन उनके अधिकार किसी अन्य व्यक्ति के अधिकारों से कम नहीं हैं. इससे पहले की सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले केजरीवाल की गिरफ्तारी के समय पर ईडी से सवाल किया था. 7 मई को अदालत ने केजरीवाल को आगामी लोकसभा चुनावों के लिए प्रचार करने में सक्षम बनाने के लिए अंतरिम जमानत देने का संकेत दिया था. हालांकि, इसने यह भी कहा था कि अगर अंतरिम जमानत दी जाती है, तो केजरीवाल को मुख्यमंत्री के रूप में कोई आधिकारिक कर्तव्य निभाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी क‍ि मान लीजिए कि हम चुनावों के कारण अंतरिम जमानत देते हैं. फिर यदि आप कहते हैं कि आप कार्यालय जाएंगे तो इसका व्यापक प्रभाव हो सकता है. वकील अभ‍िषेक मनु सिंघवी ने कहा था क‍ि यदि हमें कोई अंतरिम जमानत दी जाती है तो हम नहीं चाहते कि आप आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करें, क्योंकि इससे कहीं न कहीं टकराव की स्थिति पैदा होगी. हम सरकार के कामकाज में किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं चाहते हैं. हालांकि, न्यायालय ने मंगलवार को यह भी टिप्पणी की थी क‍ि आइए देखें कि यह (अंतरिम जमानत) दी जानी चाहिए या नहीं.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button