कानून व्यवस्था

COAL SCAM;पूर्व CM बघेल की उप सचिव सौम्या को HC ने जमानत देने से किया इन्कार, जेल में है बंद

बिलासपुर,  छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोल स्कैम और मनी लांड्रिंग मामले में जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया को हाई कोर्ट से झटका लगा है। मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस एनके व्यास की सिंगल बेंच ने उन्हें अंतरिम जमानत देने से इन्कार कर दिया है। सौम्या की जमानत अर्जी पर हाई कोर्ट ने ईडी से भी जवाब मांगा था। सौम्या ने बच्चों की परवरिश के आधार पर हाई कोर्ट में जमानत आवेदन दायर की थी। मामले की अगली सुनवाई 10 जून के बाद होगी।

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान करोड़ों के कोयला घोटाला मामले में सौम्या चौरसिया को मनी लांड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दो दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से सौम्या चौरसिया रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। इससे पहले कोयला घोटाला और मनी लांड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने गलत तथ्य पेश करने के लिए सौम्या पर एक लाख का जुर्माना भी लगाया था।

EOW की रिमांड पर है सौम्या एवं रानू

छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 540 करोड़ रुपये के कथित कोयला घोटाले का खुलासा किया था। ईडी के प्रतिवेदन के आधार पर एसीबी, ईओडब्ल्यू भी मामले की जांच कर रही है। कुछ दिनों पहले ईओडब्ल्यू ने निलंबित आइएएस रानू साहू और पूर्व सीएम की उप सचिव सौम्या चौरसिया को चार दिनों की रिमांड पर ली थी

 एफआईआर में कहा गया है कि वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, नेताओं और बिचौलियों से जुड़े एक सिंडिकेट द्वारा राज्य में परिवहन किए गए कोयले के लिए 25 रुपये प्रति टन के हिसाब से अवैध शुल्क की वसूली की जा रही थी। व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी इस घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता हैं। ईडी ने कोयला घोटाले की जांच शुरू की थी और 11 आरोपितों को गिरफ्तार किया था। ईडी ने 222 करोड़ की संपत्ति को अस्थायी रूप से कुर्क किया था। सूर्यकांत तिवारी और सौम्या चौरसिया, समीर विश्नोई जैसे राज्य सरकार के पदाधिकारी और राज्य खनन अधिकारी शामिल हैं। उगाही की गई राशि के हिस्सेदारी सूर्यकांत तिवारी और सौम्या चौरसिया के निर्देशानुसार किया जाता था।

 

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