राजनीति

POLITICS; शपथ लेते ही एक्शन में आए CM माझी,100 दिनों में किसान समृद्ध नीति, 4 साल बाद पत्रकारों के लिए खुला लोकसेवा भवन

भुवनेश्वर, महाप्रभु जगन्नाथ का दर्शन करने के बाद गुरुवार को मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी उत्कलमणि गोपबंधु दास के गांव सुआंडो पहुंचे। मुख्यमंत्री ने उत्कलमणि गोपबंधु के गांव का दौरा करने के साथ ही उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद उन्होंने कहा कि ओडिशा लोकसेवा भवन 4 वर्ष बाद पत्रकारों के लिए खोल दिया गया है। चार वर्ष बाद लोकसेवा भवन में पत्रकारों को प्रवेश करने की अनुमति मिली है। मार्च 2020 से लोकसेवा भवन में पत्रकारों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी।

उन्होंने उनकी सुविधाओं और कठिनाइयों के बारे में जाना। मुख्यमंत्री के साथ दो उप मुख्यमंत्री केवी सिंहदेव, प्रभाति परिडा, पुरी सांसद संबित पात्रा, बालेश्वर के सांसद प्रताप षाड़ंगी, बलांगीर के सांसद संगीता सिंहदेव और पुरी के जिलाधीश मौजूद थे।

100 दिनों के भीतर…

मुखयमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि संकल्प पत्र में किया गया एक-एक वादा प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी है। इसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 100 दिनों के भीतर समृद्ध किसान नीति ला रही है। इस नीति के आने के बाद किसान भाई-बहनों की कई समस्याओं का समाधान हो जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 5 वर्ष में हम 50 वर्ष में जो काम नहीं हुए हैं, उसे पूरा करेंगे। सत्ता में आने से पहले हमारी सरकार ने किसानों से जो वादा किया था उसे 100 दिन के अंदर पूरा करेंगे। हमारी सरकार गरीबों की सरकार होगी। हम गरीबों के कारण ही सत्ता में आए हैं। हम राज्य के गरीबों के लिए काम करेंगे।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश की नई सरकार ने गुरुवार सुबह मंदिर के चारों द्वार खोलकर लोगों से किए गए वादे को निभाया है। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने खुद अपनी मौजूदगी में इस आदेश को लागू करवाया। इसके बाद वह वहां से रवाना हुए और उत्कलमणि गोपबंधु के जन्मस्थान सुआंडो पहुंचे।

ओडिशा के नए मुख्यमंत्रीमोहन माझी के लिए घर की तलाश, CM के लिए नहीं है कोई आधिकारिक आवास

ओडिशा की राजनीति में ऐतिहासिक फेरबदल हुआ है। नवीन पटनायक के करीब ढाई दशक के शासनकाल के बाद राज्य में भाजपा की सरकार बन चुकी है। राज्य में भारतीय जनता जनता पार्टी की सरकार बनने के साथ ही यहां के नए मुख्यमंत्री के लिए घर भी ढूंढा जा रहा है। ओडिशा में इस समय कोई आधिकारिक ‘मुख्यमंत्री आवास’ नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक 25 सालों से अपने निजी घर ‘नवीन निवास’ में ही आवासीय कार्यालय चला रहे थे।

निजी आवास में ही रहते थे पूर्व सीएम नवीन पटनायक 

पिछले 24 वर्षों से ‘नवीन निवास’ ही मुख्यमंत्री आवास के रूप में जाना जाता रहा है, लेकिन अब सत्ता परिवर्तन के साथ ही नए सीएम के लिए ‘मुख्यमंत्री आवास’ की खोज शुरू हो गई है। हालांकि, नए सीएम को मुख्यमंत्री आवास में शिफ्ट होने में कुछ समय लग सकता है।

रिनोवेशन के बाद आवास में शिफ्ट होंगे सीएम माझी

मुख्यमंत्री आवास फाइनल होने के बाद इसका रिनोवेशन किया जाएगा, जिसमें कुछ समय लग सकता है। एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट ने ‘सीएम शिकायत कक्ष’ सहित कुछ खाली क्वॉर्टरों को सीएम आवास के रूप में शार्टलिस्ट कर लिया है। राज्य के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि पूर्व सीएम जेबी पटनायक और गिरिधर गमांग भुवनेश्वर में राजभवन और एजी स्क्वॉयर के बीच स्थित एक सरकारी क्वॉर्टर में रहते थे। इस घर को बाद में नवीन द्वारा मुख्यमंत्री शिकायत कक्ष बदल दिया गया। फिलहाल, सरकार उपयुक्त घर मिलने तक मुख्यमंत्री के अस्थायी आवास के लिए स्टेट गेस्ट हाउस में एक सुइट तैयार करने की योजना बना रही है।

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