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शानदार जीत, शानदार बिदाई…………

 वेस्टइंडीज में एक परंपरा है। मैदान में बैठकर केलिप्सो की धुन बनाना और इस पर नाचना और गाना। टी20 का जब भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच फाइनल मैच चल रहा था तो केलिप्सो सारी धुने लडखड़ाने लगी थी। जब दक्षिण अफ्रीका के  केशव महराज ने रोहित शर्मा और ऋषभ पंत को एक ही ओवर में निपटा दिया तो लगा कि कप उठाने के लिए दक्षिण अफ्रीका का अभियान शुरू हो गया है। विराट कोहली के प्रति मन में डर था क्योंकि पूरे टूर्नामेंट में लय में नहीं थे। विराज ने जरूरत के समय लाज रखी और अक्षर पटेल के साथ जो बुनियाद बनाई वही भारतीय जीत के लिए बुनियाद बनी। अक्षर पटेल भी सुपर 8 के दौरान बल्लेबाज नहीं गेंदबाज ही दिखे थे सो मन सशंकित था लेकिन उनकी 47रन की पारी ने आने वाले बल्लबाजो को ये कॉन्फिडेंस दिया कि दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजों खासकर केशव महराज और शम्सी के तिलस्म को तोड़ा जा सकता है। अक्षर के 47रन में से आखरी के 7रन हमारी जीत का आंकड़ा बनी

 विराट ,कल विराट स्वरूप दिखा कर पूरे  टूर्नामेंट के कमजोर प्रदर्शन के चक्रव्यूह से निकल कर शानदार 76रन की पारी खेली।विराट और अक्षर पटेल के बाद शिवम दुबे की छोटी सही लेकिन 27रन की पारी के योगदान को अनदेखा नहीं किया जा सकता । शिवम दुबे के 27रन में से आखिरी में बने 7रन हमारी जीत और दक्षिण अफ्रीका के हार का अंतर बनी। विराट की विराट पारी प्लेयर ऑफ द मैच के लिए  काफी था

 दुनियां में  सात रंग, सात दिन, सात ऋषि, सात समुंदर, सात जन्म  सात फेरे के समान सात रन की जीत आविष्मरणीय रहेगी।  भारतीय टीम ने सेमीफाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ 173 रन बनाए थे इससे आगे 176 पर पहुंचे तो थोड़ी बेफिक्री थी लेकिन दक्षिण अफ्रीका की टीम अपराजेय रूप से सामने खड़ी थी तो शंका भी थी। डिकॉक, मार्क्रम, क्लासेन और मिलर नामी गिरामी बल्लेबाज  जिस तरीके से खेलने के लिए मशहूर है उनके रहते लक्ष्य  असंभव तो नही था।

बुमराह  और अर्शदीप ने दक्षिण अफ्रीका की शुरुवात को भारत के शुरुवात का रीप्ले ही दिखाया लेकिन डिकॉक और क्लासेन ने  एकबारगी देशवासियों के हांथ पांव फूला दिए थे। क्लासेन  ने 27 बॉल में अर्धशतक जड़ दिया और  हार्दिक के बॉल पर आउट हुए तो केवल 26रन बनाने का जिम्मा छोड़ गए। यहां से बाजी पलटना शुरू हुई और भारतीय क्षेत्ररक्षण के साथ बुमराह, अर्शदीप और हार्दिक की गेंदबाजी ने हार के मुहाने से जीत को  अपने तरफ करने का खेल दिखाया।  सूर्य कुमार यादव वास्तव में जीत का सूर्य बने जब मिलर को असंभव से कैच को संभव कर विदा किया।  आखरी ओवर हार्दिक पांड्या के हिस्से में आया उन्होंने  दो विकेट लेकर बता दिया कि वेस्ट इंडीज में खेल गए टूर्नामेंट में संकटमोचन क्यों रहे।

 भारत की 2007 (फिर सात) में जीत केवल पांच रन की थी इस बार दो रन की बढ़ोतरी हुई। इस जीत के साथ ही रोहित शेट्टी, एम एस धोनी के बराबर खड़े हो गए।  भारत पिछले तेरह साल से जीत की उम्मीद से नाउम्मीद होते आ रहा था लेकिन  वेस्ट इंडीज की सरजमी पर विजेता बन कर निकले वह भी अपराजेय।  

 हर टूर्नामेंट कुछ देता है तो लेता भी है।  भारत के कप्तान रोहित शर्मा और पूर्व कप्तान विराट कोहली ने  क्रिकेट के सबसे छोटे फार्मेट से संन्यास ले लिया। दोनो खिलाड़ियों का निर्णय बेमिसाल रहा।  विश्व विजेता बन कर अलविदा कहना साहसिक निर्णय है। दोनो खिलाड़ी उम्र के उस ढलान पर है जहां सामर्थ्य से ज्यादा अनुभव काम आता है। अगर कल का मेरा लेख पढ़े हो तो हर आंकलन  सही निकला। हेड कोच राहुल द्रविड़ ने आखिरकार हार के वाल को तोड़ा टीम को  विश्व चैंपियन बनाया और  राम राम कर दिया। 

  भावनात्मक रूप से फाइनल  कभी खुशी कभी गम वाला रहा। रोहित और पंत आउट हुए तो दक्षिण अफ्रीका के खेमे में खुशी थी भारत के हिस्से में गम। विराट और अक्षर बेहतरीन खेले तो भारत के हिस्से में खुशी दक्षिण अफ्रीका के हिस्से में गम आया।  बुमराह  और अर्शदीप ने दक्षिण अफ्रीका के दो विकेट जल्दी जल्दी लिए तो  भारत के हिस्से में खुशी और दक्षिण अफ्रीका के हिस्से में गम आया। डिकॉक और  क्लासेन ने धुर्रा  बिगाड़ना शुरू किया तो दक्षिण अफ्रीका के हिस्से में खुशी और भारत के हिस्से में गम आने लगा था। क्लासेन  की बल्लेबाजी की जितनी भी तारीफ की जाए कम है। पांच छक्के  वो भी इतने सहज कि विश्वास ही नहीं हो रहा था कि इतनी ब्रूटल बल्लेबाजी! क्लासेन मैच जिताने के मुहाने पर छोड़ गए थे। चार ओवर 26रन वो भी टी 20 मैच में! इतने रन तो एक ओवर में बनते है। इसके बावजूद सूर्य कुमार यादव के न भुलाने वाले कैच ने भारत को जीत का भी कैच पकड़ा दिया।  यहां से भारत की खुशी शुरू हुई और जब हार्दिक ने आखरी ओवर डालने के बाद जीत दिला कर रोने लगे तो देश की आंखे भी बह निकली। जीत के आंसू का स्वाद मीठा निकला और जब थिरकते हुए कप्तान रोहित शर्मा कप लेकर  आसमान की तरफ देख कर झूमे तो देश भी झूम उठा।

 आज इतना ही कि देश की आन देश की बान और देश का शान बढ़ाने वाले कप्तान रोहित शर्मा, पूर्व कप्तान विराट कोहली, उपकप्तान हार्दिक पांड्या, विकेट कीपर ऋषभ पंत,सूर्य कुमार यादव, शिवम दुबे,अक्षर पटेल, प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट जसप्रीत बूम बूम बुमराह (तुम्हारे शानदार प्रदर्शन के बारे में सिर्फ एक शब्द  क्लासिक), अर्शदीप सिंह,  कुलदीप यादव सहित जिन्होंने नही भी खेला , और इनसे थोड़ा ऊपर द ग्रेट वॉल राहुल द्रविड़ हेड कोच सहित को सभी को मन से बधाई, 142 करोड़ शुभकामनाएं।

स्तंभकार-संजय दुबे

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