COAL SCAM; कोयला घोटाले में EOW को रानू साहू और सौम्या चौरसिया की चार दिन की रिमांड मिली, कुछ अफसर आएंगे चपेट में
रायपुर, कोयला घोटाला मामले में रायपुर सेंट्रल जेल में बंद निलंबित आईएएस रानू साहू और डिप्टी कलेक्टर सौम्या चौरसिया को प्रोडक्शन वारंट पर गुरुवार को ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार कर जिला अदालत में पेश किया गया। ईओडब्ल्यू ने दोनों से पूछताछ के लिए 15 दिन का रिमांड मांगा। दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद न्यायाधीश ने पांच दिन यानी 27 मई तक रिमांड मंजूर कर दोनों को ईओडब्ल्यू को सौंपने का आदेश दिया। ईओडब्ल्यू अब इनसे कई बिंदुओं पर पूछताछ करेगी। ईओडब्ल्यू के प्रोडक्शन वारंट को तामील करने की जिम्मेदारी एडिशनल एसपी चंद्रेश ठाकुर को सौंपी गई है। माना जा रहा है कि ईओडब्ल्यू की जांच शुरु होते ही कई राज खुलेंगे। साथ ही खनिज अमले के कुछ और अफसर चपेट में आ सकते है।
एफआईआर में 35 नामजद
ईओडब्ल्यू की एफआईआर में सौम्या चौरसिया, रानू साहू, समीर बिश्नोई, सूर्यकांत तिवारी, संदीप नायक, शिवशंकर नाग, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, भिलाई विधायक देवेंद्र यादव, पूर्व विधायक शिशुपाल सोरी, कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह, विनोद तिवारी, उर्दू बोर्ड के अध्यक्ष इदरीस गांधी, पूर्व मंत्री अमरजीत भगत, पूर्व विधायक चंद्रदीप राय, बृहस्पति सिंह, गुलाब कमरो, यूडी मिंज और कोल वाशरी संचालक सुनील अग्रवाल के नाम शामिल हैं, जबकि चिंतामणि महाराज का नाम गायब है।
छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय ने 540 करोड़ रुपये के कथित कोयला घोटाले का राजफाश किया था। इसके बाद 21 जुलाई, 2023 को आईएएस रानू साहू के देवेंद्र नगर स्थित सरकारी निवास पर ईडी ने छापा भी मारा था। इस दौरान करीब 24 घंटे की जांच के बाद ईडी ने 22 जुलाई की सुबह रानू साहू को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद राज्य सरकार ने उन्हें पद से निलंबित कर दिया था।
इस मामले में रानू साहू के अलावा राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव रही सौम्या चौरसिया, आईएएस समीर विश्नोई, खनिज अधिकारी एसएस नाग, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को भी गिरफ्तार किया था। इसके अलावा कुछ कांग्रेसी नेता भी जांच के दायरे में आए थे। यह मामला अभी कोर्ट में चल रहा है।
ईडी के अनुसार कोयले के परिवहन में 25 रुपये टन की अवैध वसूली होती थी। ईडी ने कोर्ट को बताया कि गिरोह बनाकर कोयला घोटाला किया गया। इसका मास्टरमाइंड सूर्यकांत तिवारी था। सूर्यकांत तिवारी को असीमित ताकत तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया से हासिल होती थी। सौम्या चौरसिया के प्रभाव की वजह से राज्य में पुलिस हो या प्रशासन कोई भी सूर्यकांत तिवारी को रोकने की हैसियत नहीं रखता था। इस मामले में सूर्यकांत, सौम्या चौरसिया, रानू साहू, समीर बिश्नोई समेत कई लोग 17 माह से जेल में बंद हैं।
ईडी की रिपोर्ट पर ईओडब्ल्यू में दर्ज हुआ था अपराध
कोयला घोटाला केस में ईडी की ओर से 17 जनवरी, 2024 को ईओडब्ल्यू में अपराध दर्ज कराया गया है। दर्ज एफ़आइआर में धारा 420,120 बी, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7,7 ए और 12 प्रभावी है। एफआइआर में उल्लेख है कि सूर्यकांत तिवारी के साथ सौम्या चौरसिया और रानू साहू कोयला लेवी के षड्यंत्र में पूरी तरह शामिल हैं। ईडी के अधिकारी संदीप आहूजा की ओर से दर्ज कराई गई एफआइआर में सौम्या चौरसिया को 35 करोड़, जबकि रानू साहू को 5.52 करोड़ रुपये मिलने की बात दर्ज है।