राजनीति

POLITICS; संघ की शाखाओं में तिरंगे से परहेज क्यों ?दीपक बैज बोले-भाजपा का तिरंगा अभियान केवल दिखावा

रायपुर, भाजपा का तिरंगा अभियान केवल दिखावे के लिये है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बै ज ने कहा कि तिरंगा हर भारतीय के लिये आन बान शान है, लेकिन भाजपा के लिये यह राजनैतिक विषय वस्तु है। भाजपा बताए कि आजादी के बाद 52 सालों तक संघ के मुख्यालय नागपुर में तिरंगा क्यों नहीं फहराया गया था? आजादी के बाद दशकों तक भाजपा के पितृ संगठन आरएसएस ने क्यों राष्ट्रध्वज को स्वीकार नहीं किया था?

दीपक बैज ने कहा कि भाजपाई आत्म अवलोकन करें कि उनके पूर्वजों ने क्यों तिरंगे को अपमानित किया था। आज भी संघ के शाखाओं में तिरंगा क्यों नहीं फहराया जाता? उन्होने कहा कि कांग्रेस ने ही 1929 में लाहौर अधिवेशन के समय रावी नदी के किनारे तिरंगा फहराया और पूर्ण स्वराज का नारा दिया था, उसके बाद से हर साल 26 जनवरी को तिरंगा फहराया जाने लगा। आजादी की 77वीं वर्षगांठ पर देश भक्ति का जलसा निकालने की नौटंकी करने वालों के पूर्वज स्वतंत्रता संग्राम के समय अंग्रेजों के पैरोकार की भूमिका में खड़े थे।

बैज ने कहा कि तिरंगा को भाजपा के पितृ पुरुष गोलवलकर ने देश के लिये अपशगुन बताया था। संविधान को एक जहरीला बीज बताया था। 14 अगस्त 1947 को आरएसएस के मुखपत्र द आर्गेनाइजर में लिखा था “तीन शब्द ही अशुभ है, तीन रंगो वाला झण्डा निश्चित तौर पर बुरा मनोवैज्ञानिक प्रभाव पैदा करेगा और देश के लिये हानिकारक साबित होगा।” 30 जनवरी 1948 को जब महात्मा गाँधी की हत्या कर दी गयी तो अखबारों के माध्यम से खबरें आई थीं कि आरएसएस के लोग तिरंगे झंडे को पैरों से रौंदकर खुशी मना रहे थे।

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