कृषि

CROP;खंड वर्षा से भी रायपुर संभाग में नहीं पड़ेगी सिंचाई के लिए पानी की कमी,नहरों में पानी भी छोड़ा

0 रायपुर संभाग के जलाशयों में औसतन 90 प्रतिशत पानी भरा

रायपुर, बारिश कम होने या अनियमित होने पर भी रायपुर संभाग के किसानों को अपनी फसलों मे सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिलेगा। रायपुर संभाग के बांधों और जलाशयों में अब तक हुई बारिश के हिसाब से लगभग 90 प्रतिशत औसतन जल भराव हो चुका है। संभागायुक्त महादेव कावरे ने कल इसकी समीक्षा की और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए।

श्री कावरे ने संभाग के बांधों और जलाशयों में अब तक भरे पानी की अलग-अलग जानकारी ली और आवश्यकता पड़ने पर किसानों के खेतों में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने तैयार रहने के निर्देश दिए। उन्होंने बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि अब तक हुई बारिश से बांधों और जलाशयों में पर्याप्त जल भराव हो चुका है और अब आगे कम बारिश या अनियमित बारिश की स्थिति में भी किसानों की फसलें खराब नहीं होनी चाहिए। ऐसी स्थिति में किसानों की मांग पर बांधों के गेट खोलकर सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने विभाग तैयार रहें। श्री कावरे ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को बांधों में जल भराव की स्थिति पर लगातार नजर रखने और सुरक्षा संबंधी सभी व्यवस्थाएं भी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने बड़े बांधों से अधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने के पहले राजस्व विभाग के अधिकारियों को सूचित करने और मुनादी आदि कराकर प्रभावित क्षेत्रों में सूचना प्रसारित करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए। 

नहरों में पानी भी छोड़ा

बैठक में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रविशंकर सागर परियोजना काम्पलेक्स में अब तक 90 प्रतिशत जल भराव हो चुका है। इस परियोजना से संभाग के रायपुर, धमतरी और बलौदा बाजार जिलों के 1300 से अधिक गांवों में लगभग 2 लाख 80 हजार हेक्टेयर रकबे में सिंचाई होती है। किसानों की मांग पर इस परियोजना से गेट खोलकर सिंचाई के लिए नहर में साढ़े पांच हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। गरियाबंद जिले की सिकासार परियोजना में 95 प्रतिशत जल भराव हुआ है। इस परियोजना से लगभग तीन हजार क्यूसेक पानी नहर में छोड़ा गया है। इससे एक सौ से अधिक गांवों की 26 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबे की फसलों में सिंचाई हो रही है।

बांधों में जलभराव

बैठक में यह भी जानकारी मिली कि रायपुर जिले के पेण्ड्रावन परियोजना में 71 प्रतिशत और कुम्हारी मध्यम परियोजना में 98 प्रतिशत तक पानी भर चुका है। किसानों की मांग पर पेण्ड्रावन परियोजना से 40 क्यूसेक पानी नहर में छोड़ा जा चुका है। जिससे ग्यारह गांवों के किसान ढाई हजार हेक्टेयर रकबे की फसलों में सिंचाई कर रहे हैं। कुम्हारी परियोजना से 90 क्यूसेक पानी नहर में छोड़ा गया है और इससे 18 गांवों के किसान लगभग दो हजार छह सौ हेक्टेयर रकबे में लगी फसलों में सिंचाई कर रहे हैं।

कोडार में भी छोड़ा पानी

महासमुंद जिले के जलाशयों में जल भराव की समीक्षा के दौरान जानकारी दी गई कि कोडार वृहद परियोजना में लगभग 44 प्रतिशत और केशवा परियोजना में लगभग 48 प्रतिशत पानी भर चुका है। अधिकारियों ने बताया कि अभी तक हुई बारिश के हिसाब से दोनों परियोजनाओं की टोपोग्राफी और भू-स्थिति अनुसार जल भराव वर्तमान में संतोषजनक स्थिति में है। कोडार परियोजना से 150 क्यूसेक पानी नहर में छोड़ा गया है, जिससे 49 गांवों में साढ़े सोलह हजार हेक्टेयर से अधिक रकबे की फसलों में सिंचाई की जा रही है। इसी प्रकार केशवा परियोजना से भी किसानों की मांग पर सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। किसानों द्वारा मांग किए जाने पर इस परियोजना से लगभग तीन हजार सात सौ पचास हेक्टेयर रकबे में लगी फसलों के लिए पानी दिया जाएगा।

ReplyForwardAdd reaction

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button