TERROR; मुंबई हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा NIAकी कस्टडी में,18 दिन तक होगी पूछताछ,खुलेगा साजिश का राज
नईदिल्ली, 26/11 मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA)की कस्टडी में है। NIA देश के सबसे बड़े दुश्मन राणा से 18 दिन तक पूछताछ करेगी। भारत में आतंकी राणा के गुनाहों का हिसाब होगा। पूछताछ में राणा हमले से जुड़े कई अहम बातें एनआईए को बता सकता है। पाकिस्तान में मुंबई हमले की साजिश रचने और हमला कराने में कौन-कौन लोग शामिल थे? इस पर नया खुलासा हो सकता है। डेविड हेडली भारत में किन-किन लोगों के संपर्क में था और किसने उसकी मदद की इस पर से भी परदा उठ सकता है।
तहव्वुर राणा से पूछे जाएंगे सवाल
मुंबई यात्रा के दौरान राणा किन-किन जगहों पर गया। मुंबई में किन-किन लोगों से मुलाकात की? मुंबई के अलावा देश और किस हिस्सों में गया। आतंकी हेडली से राणा के कैसे संबंध? हेडली के अलावा और कितने लोगों के साथ मिलकर राणा ने 26 /11 हमले की साजिश रची। हाफिज सईद और अब्दुल रहमान लकवी से कितनी बार मिले? क्या-क्या बात हुई। आखिर आतंकियों का मुंबई अटैक का असल मकसद और मुख्य टारगेट क्या था?
और…कितने शहर निशाने पर थे
पाकिस्तान सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से राणा को कब-कब निर्देश मिले? कितनी बार पाकिस्तान की यात्रा की? मुंबई 26/11 हमलावरों को लॉजिस्टिक्स सपोर्ट करने वालों से कब और कितनी बार मुलाकात की थी? समुद्री रास्ते का चयन क्यों किया? हाथियार कहां से आए? किसने भेजे?हमलावरों की ट्रेनिंग कहां हुई? किसने ट्रेनिंग दी। और किन-किन शहरों पर हमले की योजना थी?
जानिए राणा कैसे आया भारत
जांच एजेंसी NIA और खुफिया एजेंसी RAW की जॉइंट टीम बुधवार(9 अप्रैल) को राणा को लेकर अमेरिका से रवाना हुई थी। राणा को अमेरिका के मियामी से एक लग्जरी चार्टर प्लेन Gulf Stream G-550 से भारत लाया गया। करीब 40 घंटे का सफर तय कर विशेष विमान गुरुवार(10 अप्रैल) को दोपहर 2.45 बजे दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर लैंड हुआ।
रात 2 बजे कोर्ट ने सुनाया फैसला
दिल्ली पहुंचते ही राणा का मेडिकल चेकअप हुआ। इसके बाद उसे सीधे NIA हेडक्वार्टर ले जाया गया। इसके बाद राणा को कोर्ट ले जाया गया। कोर्ट में वरिष्ठ वकील दयान कृष्णन ने NIA की ओर से 20 दिन की कस्टडी मांगी। लंबी सुनवाई के बाद देर रात दो बजे स्पेशल NIA जज चंद्रजीत सिंह ने बंद कमरे में फैसला सुनाया। कोर्ट ने आरोपी की 18 दिन की कस्टडी मंजूर की। अब जांच एजेंसी राणा से 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले से जुड़े तमाम सवाल पूछेगी।
राणा से होगी कड़ी पूछताछ
सूत्रों के मुताबिक, NIA आतंकी हमलों को अंजाम देने में राणा की भूमिका की भी जांच करेगी। मुंबई हमले के दूसरे आरोपी डेविड कोलमैन हेडली ने भारत आने से पहले तहव्वुर राणा के साथ पूरे ऑपरेशन पर चर्चा की थी। इसकी बारे में जांच एजेंसी राणा से सवाल पूछेगी। हेडली ने राणा को साजिश में इलियास कश्मीरी और अब्दुर रहमान के शामिल होने की भी जानकारी दी। NIA आतंकी हमलों से जुड़े तमाम सवाल राणा से करेगी।
तिहाड़ जेल में रहेगा राणा
भारत पहुंचने के बाद राणा की पहली तस्वीर भी सामने आई। फोटो में राणा को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) के अधिकारी पकड़े हुए हैं। राणा को दिल्ली की तिहाड़ जेल में हाई सिक्योरिटी वार्ड में रखा जाएगा।
कौन है तहव्वुर राणा?
- तहव्वुर राणा का जन्म पाकिस्तान में हुआ था। 64 वर्षीय राणा ने आर्मी मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई की और पाकिस्तान आर्मी में 10 साल तक बतौर डॉक्टर काम किया। राणा को काम पसंद नहीं आया और नौकरी छोड़ दी। 1997 में कनाडा चला गया और वहां इमिग्रेशन सर्विसेस देने वाले बिजनेसमैन के तौर पर काम शुरू किया।
- कनाडा से अमेरिका पहुंचा और शिकागो सहित कई लोकेशंस पर फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज नाम से कंसल्टेंसी फर्म खोली। राणा कई बार कनाडा, पाकिस्तान, जर्मनी और इंग्लैंड भी गया। 7 भाषाएं बोल सकता है। भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने वाला तहव्वुर राणा अभी कनाड़ा का नागरिक है।
ISI और लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य है राणा
26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने हमले किए। हमलों में 166 लोग मारे गए। 300 से अधिक लोग घायल हुए। मुंबई हमले की चार्जशीट में राणा का नाम आरोपी के तौर पर दर्ज है। राणा ISI और लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य है। राणा हमले के मास्टरमाइंड मुख्य आरोपी डेविड कोलमैन हेडली की मदद कर रहा था। राणा ने हेडली को मुंबई में फर्स्ट वर्ल्ड नाम से ऑफिस खोलने में मदद की। राणा ने आतंकी गतिविधियों को छुपाने के लिए ऑफिस खोला था।
राणा के प्रत्यर्पण की मांग की थी
भारत ने फरवरी 2021 में आधिकारिक तौर पर प्रत्यर्पण की मांग करते हुए अमेरिकी को नोट भेजा। जून 2021 को अमेरिका की संघीय अदालत में राणा के प्रत्यर्पण को लेकर सुनवाई के दौरान भारत ने सबूत पेश किए। अब कहीं जाकर प्रत्यर्पण की सभी कागजी कार्रवाई पूरी कर ली गई है।