जिला प्रशासन

PROTEST;कर्मचारी संगठन धरना-प्रदर्शन अब निगम मुख्यालय के मुख्य रोड पर देंगे,कलेक्टर-एसपी न रोकें

धरना स्थल

रायपुर‌, छत्तीसगढ़ राज्य में कर्मचारी संगठनों के आंदोलन के लिए दोनों सरकारों की मिलीभगत से तूता धरना स्थल निर्धारित कर धरना प्रदर्शन से अप्रत्यक्ष रूप से वंचित कर लोकतांत्रिक अधिकार का हनन किया गया है। वहीं दूसरी ओर राजनीतिक दल कहीं भी किसी भी मुख्य मार्ग को धेरकर धरना प्रदर्शन करते हैं। उनके लिए कानून अलग है और कर्मचारी संगठनों के लिए कानून अलग है।

कर्मचारी नेता विजय कुमार झा ने प्रदेश के 100 से अधिक कर्मचारी संगठनों से अपील की है कि अगला कोई भी धरना, प्रदर्शन, विरोध रैली हो तो उसे बूढ़ा तालाब धरना स्थल के मुख्य मार्ग को एक तरफ घेर कर अथवा कल कांग्रेस के धरना प्रदर्शन का उदाहरण देते हुए नगर निगम व्हाइट हाउस के मुख्य मार्ग नगर निगम की तरफ को घेर कर मुख्य चौक में मंच बनाकर धरना प्रदर्शन किया जावे। यदि कर्मचारी संगठनों को कलेक्टर एसपी द्वारा रोका जाता है या अनुमति नहीं दिया जाता है, तो उनसे मांग की जाएगी कि यह नियम भाजपा कांग्रेस व अन्य राजनीतिक संगठनों के लिए जो मुख्य मार्गों पर सीधे धरना मंच बनाते हैं लागू नहीं होता है। क्या भारत में सभी के लिए संवैधानिक अधिकार है।

भारत का संविधान कानून के समक्ष समानता का अधिकार प्रत्येक नागरिक को प्रदान करता है । कल के निगम मुख्यालय के सामने धरना मंच से कल रात्रि से ही आम नागरिक जाम में फंसकर परेशान हो रहे हैं। जबकि कल कई शादियां भी थी। इसके कारण 20 घंटा पूर्व से राजधानी की जनता आवागमन यातायात व जाम में फंसे रहने के लिए मजबूर रहे, इसके लिए जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन भी अप्रत्यक्ष शुरू से दोषी है। 

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