
0 मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक में धान के त्वरित निराकरण हेतु लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय
रायपुर, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक में धान के त्वरित निराकरण हेतु महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। 35.00 लाख मीट्रिक टन अतिशेष धान में से लगभग 18.91 लाख मीट्रिक टन धान का विक्रय हुआ है। शेष 12.57 लाख मी.टन धान के निराकरण हेतु उच्चतम बोली लगाने वाले निविदाकारों (H-1) एवं अन्य निविदाकारों को अनुमोदित दर पर प्राइस मेचिंग का अवसर प्रदान किया गया है।

बैठक में बताया गया कि खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में किसानों से समर्थन मूल्य पर 149.25 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन किया गया है, जो राज्य गठन के पश्चात अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है। बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश के 78 संग्रहण केन्द्रों में कुल 31.48 लाख मीट्रिक टन धान का भंडारण किया गया है, जिसमें से लगभग 18.91 लाख मीट्रिक टन का निराकरण प्राइस मेचिंग एवं ऑक्शन के माध्यम से किया जा चुका है। वर्तमान में लगभग 12.57 लाख मीट्रिक टन धान का निराकरण शेष है।
बैठक में निर्णय लिया गया कि ऐसे निविदाकार जिनके द्वारा ईआक्शन प्लेटफॉर्म में प्राइस मेचिंग के दौरान निर्धारित समय-सीमा में सुरक्षा निधि जमा नहीं किया जा सका है, अथवा धान का क्रय मूल्य (MVP) समय सीमा में जमा नहीं किया गया है अथवा विलंब से जमा किया गया है, उन्हें अब 15 जुलाई 2025 तक की अंतिम समय-सीमा प्रदान की गई है। खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में चावल जमा हेतु शेष मात्रा के जमा करने हेतु अवधि को बढ़ाकर 5 जुलाई 2025 कर दिया गया है।
प्राइस मेचिंग के दौरान मिलरों एवं क्रेताओं को आ रही तकनीकी समस्याओं के निराकरण एवं आवश्यक मार्गदर्शन हेतु महाप्रबंधक (विपणन) की अध्यक्षता में एक तकनीकी समिति का गठन भी किया गया है।
बैठक में बताया गया कि केंद्रीय खाद्य मंत्री से भेंट कर खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान में से केंद्रीय पूल में चावल जमा करने का लक्ष्य 70 लाख मीट्रिक टन से अधिक बढ़ाने का अनुरोध किया गया है। इस पर भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के हित में सकारात्मक विचार करने का आश्वासन प्रदान किया गया है।बैठक में कृषि मंत्री रामविचार नेताम, सहकारिता मंत्री केदार कश्यप, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल एवं राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा उपस्थित थे।