HC; BE डिग्रीधारकों के हक में बड़ा फैसला, PHE भर्ती परीक्षा के लिए कर सकते हैं आवेदन
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बिलासपुर, छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने इंजीनियरिंग डिग्रीधारक युवाओं को बड़ी राहत दी है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) विभाग की सब इंजीनियर भर्ती प्रक्रिया को लेकर आए एक अहम फैसले में हाई कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि बीई डिग्रीधारी उम्मीदवार तकनीकी रूप से अधिक योग्य होते हैं। ऐसे में उन्हें केवल डिप्लोमा धारियों तक सीमित रखी गई भर्ती प्रक्रिया से बाहर करना संविधान के खिलाफ है।
कोर्ट ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा केवल डिप्लोमा धारकों को पात्र मानने के नियम को भेदभावपूर्ण, असमान और मनमाना ठहराते हुए निरस्त कर दिया है। इससे अब बीई डिग्रीधारियों के लिए भी इस पद पर अवसर खुल गए हैं। इस निर्णय से अब पीएचई विभाग को भर्ती प्रक्रिया में संशोधन करना होगा और बीई डिग्रीधारियों को भी चयन प्रक्रिया में शामिल करने की व्यवस्था करनी होगी। इससे हजारों इंजीनियरिंग डिग्रीधारी युवाओं को समान अवसर मिलेगा और भविष्य की भर्तियों में व्यापक पात्रता सुनिश्चित होगी।
अदालत ने भर्ती नियमों को बताया असंवैधानिक
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में इस याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता धगेन्द्र कुमार साहू की ओर से अधिवक्ता प्रतिभा साहू ने पक्ष रखा। सुनवाई में बताया गया कि वर्ष 2016 तक विभाग ने बीई और डिप्लोमा, दोनों डिग्रीधारियों को सब इंजीनियर पदों के लिए पात्र माना था।
लेकिन वर्ष 2025 में केवल डिप्लोमा धारकों के लिए पात्रता निर्धारित कर दी गई, जिससे बीई डिग्रीधारियों को बाहर कर दिया गया। कोर्ट ने इस नीति को अनुचित मानते हुए कहा कि बीई डिग्रीधारी तकनीकी रूप से अधिक योग्य होते हैं, उन्हें बाहर करना संविधान के अनुच्छेदों के विरुद्ध है।
भर्ती प्रक्रिया पहले ही हो चुकी थी संपन्न
व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने अप्रैल 2025 में पीएचई विभाग के लिए सब इंजीनियर (सिविल 118 पद व विद्युत/मैकेनिकल 10 पद) की भर्ती परीक्षा आयोजित की थी। जारी विज्ञापन में केवल डिप्लोमा धारकों को ही पात्र माना गया था। इस पर आपत्ति जताते हुए याचिका दाखिल की गई थी, जिस पर हाई कोर्ट ने बीई डिग्रीधारियों को अंतरिम राहत दी और परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी थी।