RAGGING; रैगिंग रोकने मेडिकल कॉलेजों में रहेगी कैमरे की नजर, शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर जारी
कैमरे लगेंगे

रायपुर, सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों में रैगिंग रोकने के लिए प्रमुख स्थानों पर डॉक्टरों का मोबाइल नंबर लिखा जाएगा। गलियारे, कॉलेज के पीछे, कॉलेज के कोने में कैमरे भी लगाए जाएंगे। ताकि छात्र जरूरत पड़ने पर मामले की शिकायत कर सकें, या सीसीटीवी में कैप्चर हो सकें। प्रदेश में रैगिंग के 8 मामले सामने आए हैं। ये जानकारी राज्यसभा में अप्रैल में दी गई थी। रैगिंग से संबंधित शिकायत टोल फ्री नंबर 18001805522 पर भी शिकायत की जा सकती है।
एनएमसी ने किया पोर्टल स्थापित
डॉक्टरों का कहना है कि रैगिंग के डर से कुछ छात्र-छात्राएं न केवल डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं, बल्कि उनकी पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। कुछ छात्र तो जान तक गंवा देते हैं। हालांकि प्रदेश में ऐसी कोई घटना अब तक नहीं हुई है। नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) मेडिकल कॉलेजों को रैगिंग रोकने के लिए कैंटीन, लाइब्रेरी, छात्रावासों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के साथ ही सादी ड्रेस में मॉनीटरिंग करने के निर्देश पहले ही दे चुका है।
एंटी रैगिंग के पोस्टर, ब्रोशर और होर्डिंग लगाना अनिवार्य
एनएमसी के अनुसार कॉलेज, छात्रावास व अस्पतालों में ऐसे मामले होने की संभावना ज्यादा रहती है। सीनियर मेडिकल एक्सपर्ट व कैंसर सर्जन डॉ. युसूफ मेमन के अनुसार मेडिकल कॉलेज व इससे जुड़े अस्पतालों में प्रमुख जगहों पर एंटी रैगिंग के पोस्टर, ब्रोशर और होर्डिंग लगाना अनिवार्य है। यही नहीं छात्र व उनके माता-पिता/अभिभावक, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से एनएमसी ने एक पोर्टल स्थापित किया है। यहां छात्र रैगिंग से संबंधित शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
ई-मेल और वाट्सअप भी कर सकते हैं…
मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट रैगिंग से संबंधित शिकायत मेडिकल कालेज के अधिकारी को ई-मेल, वाट्सअप के जरिए भी कर सकते हैं। नेहरू मेडिकल कॉलेज व एम्स में रैगिंग के मामले आए हैं। इस मामले में कुछ छात्रों के खिलाफ एक्शन भी लिया गया था। पैरेंट्स को भी बुलाकर समझाइश दी गई थी। इसके बाद कॉलेज प्रबंधन द्वारा नजर रखी जा रही है।