
10 जुलाई से भारतीय क्रिकेट टीम क्रिकेट की काशी कहे जाने वाले लॉर्ड्स के मैदान में उतर चुकी है, साथ ही शानदार प्रदर्शन भी कर रही है। लॉर्ड्स के मैदान से भारत का इमोशनल जुड़ाव है। इसी मैदान से भारतीय क्रिकेट टीम ने 25जून1932 को अधिकृत रूप से टेस्ट मैच खेलना शुरू किया था। इंग्लैंड , ऑस्ट्रेलिया,दक्षिण अफ्रीका, वेस्ट इंडीज और न्यूजीलैंड के बाद भारत क्रिकेट खेलने वाला छठवां देश बना था।
लॉर्ड्स के मैदान में भारत 20 टेस्ट खेल चुका है। 3 जीत, 4 ड्रॉ और 13 पराजय का लेखा जोखा हैं। टेस्ट के अलावा लॉर्ड्स के ही मैदान में 1983 में कपिलदेव ने 25 जून को ही वन डे वर्ल्ड कप वेस्टइंडीज को हरा कर जीता था, और इतिहास रचा था। इस लिए यह मैदान का भारतीय टीम के लिए काफी महत्व रखाता है।
1932 में पहला टेस्ट खेलने गई भारतीय क्रिकेट टीम की भी अपना रोचक इतिहास है। देश आजाद नहीं था, रियासतें, अंग्रेजों के साथ मिलकर अलग प्रकार का “सुख” भोग रहे थे। क्रिकेट की भी बात आई तो मामला बराबरी का आ गया। 18 सदस्यीय टीम बनी जिसमें जातीय आधार पर चयन हुआ। 7हिन्दू,5मुस्लिम,4पारसी और 2 सिक्ख, टीम में चयनित हुए। कप्तानी, उप कप्तानी दी गई। कप्तान बने नटवर सिंहजी भाव सिंहजी (महाराजा ऑफ पोरबंदर), उपकप्तान बने घनश्यामजी दौलत सिंह जी झाला (महाराजा ऑफ लिंबडी) टीम में 16 अन्य खिलाड़ी कर्नल कोट्टरी कनकैया ( सी. के.) नायडू अमर सिंह,सोराब जी कोलाह , मो जहांगीर खान, लाल सिंह, मोहम्मद निसार, नूर मल नियोमल, जनार्दन नवले(विकेटकीपर), सैयद नासिर अली,फिरोज पलिया, सैयद वजीर अली, प्लेइंग 11में थे। इनके अलावा गुलाम मोहम्मद,शंकर राव गोडांबे, जोगेंदर सिंह और बहादुर कापड़िया(विकेटकीपर) भी गए थे, जो भविष्य में कभी टेस्ट क्रिकेट खेल नहीं सके।
आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि पहला टेस्ट खेलने इंग्लैंड गई टीम का नाम “आल इंडिया क्रिकेट टीम” था। इस टीम में टीम कप्तान, उप कप्तान और टेस्ट कप्तान थे। टीम कप्तान महाराजा ऑफ पोरबंदर और उप कप्तान महाराजा ऑफ लिंबडी दोनों प्लेइंग 11 में नहीं थे। माना जा सकता है कि ये दोनों मैदान के बाहर के कप्तान और उप कप्तान थे। मैदान के भीतर सी के नायडू ने कप्तानी की और आज भी भारत के पहले कप्तान सी के नायडू ही माने जाते है।
25 से 28 जून (चार दिन का टेस्ट) तक खेले गए मैच में इंग्लैंड के कप्तान डगलस जोर्डिन की दोनों पारियों में शानदार बैटिंग के चलते भारत जीत से बहुत दूर रहा ।जॉर्डिन ने पहली पारी में 79और दूसरी पारी में 85रन बनाए। भारत की तरफ बॉलिंग में पहली पारी में मोहम्मद निसार ने पांच विकेट और दूसरी पारी में जहांगीर खान ने चार विकेट लिए लेकिन मौसम और मैदान से अभ्यस्त न होने के कारण अनेक भारतीय खिलाड़ी चोट ग्रस्त हुए। भारत पहला टेस्ट 158 रन से हार गया लेकिन सी के नायडू, मो निसार की सराहना बहुत हुईं।
स्तंभकार-संजयदुबे