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GST;जीएसटी का बड़ा फर्जीवाड़ा! छत्तीसगढ़ में हर साल 1000 करोड़ की टैक्स चोरी, कच्चे में होता है कारोबार…

0 होटल, कैटरिंग, डेकोरेशन, मैरिज पैलेस के कारोबारी निशाने पर, बिना बिल के जनवरी 26 तक बुक

रायपुर, छत्तीसगढ़ के में हर साल 1000 करोड़ रुपए के जीएसटी की चोरी होती है। इसके लिए लेनदेन और स्टॉक में हेराफेरी के साथ कच्चे में कारोबार होता है। खरीदारी के दौरान ग्राहकों से जीएसटी लिया जाता है लेकिन, सरकारी खाते में इसे जमा करते समय दस्तावेजों में हेराफेरी होती है।

राजधानी रायपुर में होटल, कैटरिंग, डेकोरेशन, मैरिज पैलेस में टैक्स चोरी होती है। जहां आधा से ज्यादा राशि नकद ली जाती है और बिल भी नहीं दी जाती। यहां शादी-विवाह के लिए मैरिज पैलेस, होटल, कैटरिंग, डेकोरेशन आदि की बुकिंग जनवरी 2026 तक बुक हो चुकी है और एडवांस के तौर पर आधी रकम जमा भी हो चुके है। जीएसटी तो दूर इन्हे बिले भी नहीं दिया गया है।

पिछले काफी समय से चल रहे इस खेल को देखते हुए राज्य सरकार ऑनलाइन जीएसटी पोर्टल के जरिए कारोबारियों की गतिविधियों पर नजर रख रही है। उक्त कारोबारियों की पहचान कर जीएसटी का हिसाब किया जा रहा है। किसी भी तरह की हेराफेरी के इनपुट मिलने पर सर्वे और छापेमारी के निर्देश दिए गए हैं।

स्टेट जीएसटी के अधिकारियों का कहना है कि जीएसटी चोरी करने के लिए कच्चे में लेनदेन कर फर्जीवाड़े का खेल हो रहा है। हालांकि अधिकांश कारोबारी नियमानुसार जीएसटी जमा कर रहे हैं। बता दें कि प्रदेश में कुल 1 लाख 90 हजार कारोबारी पंजीकृत हैं। इनमें स्टेट जीएसटी में सबसे ज्यादा 1 लाख 20 हजार और सेंट्रल जीएसटी में 70,000 कारोबारी हैं।

होटल, कैटरिंग, डेकोरेशन, मैरिज पैलेस में कोई-हिसाब -किताब नहीं

अधिकांश होटल, कैटरिंग, डेकोरेशन, मैरिज पैलेस संचालक आयोजन के बाद बिल देने में कोताही बरतते हैं। जबकि पंजीकृत कारोबारी को 200 रुपए के अधिक पर पक्का बिल दिया जाना अनिवार्य है। इसमें सीजीएसटी और एसजीएसटी का उल्लेख किया जाना है लेकिन, सर्विस के बाद बिल में इसका ब्यौरा तक नहीं रहता है। जबकि इसकी वसूली होती है। दिनभर में हुए कारोबार और अर्जित आय का पक्का हिसाब अधिकांश कारोबारी नहीं करते हैं। हालाकि इसके पीछे जीएसटी अफसरों के साथ खुलेआम सेटिंग की बात करने से भी नहीं हिचकते।

कार्रवाई के बाद कारोबारी जमा कर रहे है टैक्स

जीएसटी चोरी करने के इनपुट मिलनेपर अंबिकापुर और नारायणपुर में पिछले महीने दो बड़े फर्मों में सर्वे किया गया। इस दौरान जीएसटी चोरी पकड़ी गई थी। इसे लेकर हंगामा हुआ था। फर्म को सील करने और कार्रवाई की चेतावनी देने के बाद बकाया राशि कारोबारियों द्वारा जमा कराई गई थी। अब अधिकांश होटल, कैटरिंग, डेकोरेशन, मैरिज पैलेस संचालक निशाने पर है, जो बिल देने में कोताही करते है।

इन धंधों में इस तरह होता है खेल

कारोबारी दूसरे राज्यों के सामान की खरीदी कर वास्तविक खरीदी की राशि का कम मूल्यांकन करते हैं। साथ ही विक्रय करते समय कई गुना ज्यादा कीमत लेते हैं। इसकी बीच के अंतर की राशि तकनीकी रूप से हेराफेरी करने पुराने स्टॉक और कच्चे में हिसाब रखा जाता है। इस तरह का खेल लोहा, सीमेंट, ज्वेलरी, प्लायवुड सेनेटरी, स्टील, ग्रोसरी सहित अन्य में किया जाता है।

1 अगस्त से जीएसटी चोरी करने वालों के ठिकानों में सर्वे और छापेमारी

त्योहारी सीजन के शुरू होने पर त्यौहारी गतिविधियों के बढ़ते ही जीएसटी की टीम सक्रिय हो गई है। हेराफेरी करने वालों के ठिकानों में छापेमारी शुरू होगी। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि 1 अगस्त से जीएसटी चोरी करने वालों के ठिकानों में सर्वे और छापेमारी होगी। बता दें कि स्टेट जीएसटी को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 27000 करोड़ रुपए का लक्ष्य दिया गया है।

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