INDEPENDENCE DAY; स्वतंत्रता दिवस पर राजधानी रायपुर को बड़ी सौगात, शुरू होगी पुलिस आयुक्त प्रणाली…मुख्यमंत्री साय ने नक्सलमुक्त छत्तीसगढ़ का संकल्प दोहराया

रायपुर, स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राजधानी रायपुर के लोगों को बड़ी सौगात देते हुए पुलिस आयुक्त प्रणाली शुरू करने की घोषणा की. रायपुर के पुलिस परेड ग्राउंड में आयोजित मुख्य समारोह में मुख्यमंत्री साय ने नक्सलमुक्त छत्तीसगढ़ का संकल्प दोहराया.
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज का दिन हम सभी के लिए अत्यंत गौरव का दिन है. अंग्रेजी साम्राज्यवाद से लड़ते हुए हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने अपना सर्वस्व बलिदान कर हमें स्वतंत्रता का उजाला सौंपा. आज स्वतंत्रता दिवस की इस प्रभात बेला में हम अपने सभी वीर सपूतों को कृतज्ञता से नमन करते हैं.
देश के उन्यासीवें (79वें) स्वतंत्रता दिवस के साथ-साथ हम छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना के 25 गौरवशाली वर्षों की विकास यात्रा को “छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव” के रूप में मना रहे हैं. मुझे आपसे यह बात साझा करते हुए खुशी हो रही है कि हम आज के इस शुभ दिन से छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव का शुभारंभ कर रहे हैं. आप सभी की भागीदारी से हम इस महोत्सव को अविस्मणीय बनाएंगे.
आज का दिन परलकोट विद्रोह के नायकों के पुण्य स्मरण का भी है. देश की आजादी की लड़ाई में स्वर्णिम अक्षरों में लिखे गये परलकोट विद्रोह के 200 वर्ष पूरे हो गए हैं. आज भी शहीद गेंदसिंह की वीरता के किस्से पीढ़ी दर पीढ़ी प्रदेश की जनता उतने ही गौरव भाव से सुन रही है.
रायपुर सिपाही विद्रोह का किया स्मरण
भूखे और उत्पीड़ित लोगों को न्याय दिलाने के लिए शहीद वीरनारायण सिंह द्वारा की गई लड़ाई को कौन भूल सकता है. रायपुर सिपाही विद्रोह के नायक हनुमान सिंह का इस अवसर पर स्मरण करना चाहूँगा. भूमकाल विद्रोह के माध्यम से वीर गुंडाधुर ने अपनी मातृभूमि के लिए जिस अद्भुत शौर्य का प्रदर्शन किया, वो इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है. शहीद यादव राव, वेंकट राव, धुरवा राव, डेबरी धुर, आयतु माहरा सहित हमारे अनेक जनजातीय नायकों का बलिदान देशभक्ति की अद्भुत मिसाल है.
राज्य के निर्माता के तौर पर पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अपना अटल संकल्प पूरा किया और देश के नक्शे में छत्तीसगढ़ का एक नये राज्य के रूप में उदय हुआ. अटल जी के जन्म शताब्दी वर्ष को हम अटल निर्माण वर्ष के रूप में मना रहे हैं.
लोकतंत्र के सेनानियों को भी किया नमन
आपातकाल के पचास बरस पूरे हो गये हैं. हम अपने लोकतंत्र सेनानियों को नमन करते हैं, जिन्होंने आपातकाल के बेहद कठिन दौर में यातनाओं की परवाह न करते हुए लोकतंत्र की मशाल थामें रखी. मातृभूमि के लिए अपने हिस्से की जिम्मेदारी हमें निभानी है. हमें यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2047 तक विकसित भारत-विकसित छत्तीसगढ़ की संकल्पना को मूर्त रूप देना है.
भारत के पराक्रम का प्रतीक बना ऑपरेशन सिंदूर
हमें अपने वीर जवानों पर गर्व है, जिन्होंने अपने असीम शौर्य और साहस से मातृभूमि का शीश हमेशा ऊंचा रखा. वर्ष 1947 में देश की आजादी के बाद पाकिस्तान की ओर से हुए आक्रमण से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक हर बार हमारे जवानों ने तिरंगे का मान बढ़ाया है. पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी कृत्य का बदला लेने हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ऑपरेशन सिन्दूर चलाया गया. यह ऑपरेशन दुनियाभर में भारत के पराक्रम और दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रतीक बना.
माओवादी आतंक से मुक्त करने का लक्ष्य
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में हम मार्च 2026 तक देश को माओवादी आतंक से मुक्त करने के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं. पिछले 20 महीनों में हमारे जवानों ने 450 माओवादियों को न्यूट्रलाइज और 1578 को गिरफ्तार किया है.हमारे जवानों ने माओवादियों के शीर्ष नेताओं बसवराजू और सुधाकर को न्यूट्रलाइज करने में सफलता पायी. राज्य सरकार की आकर्षक आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर 1589 माओवादी हथियार छोड़ चुके हैं. इनके पुनर्वास, कौशल विकास और रोजगार की व्यवस्था की गई है.
बताया सुशासन का असली मतलब
सुशासन का असली मतलब तब है, जब आखिरी व्यक्ति तक इसका लाभ पहुँचे. ताड़मेटला में जहां हमारे 76 जवानों ने माओवादी हमले में शहादत दी थी, उसके समीप ही चिंतागुफा के स्वास्थ्य केंद्र को राष्ट्रीय गुणवत्ता प्रमाण-पत्र मिला है. यहां हर महीने औसतन 20 प्रसव होते हैं, और हजारों ग्रामीण निःशुल्क इलाज की सुविधा ले रहे हैं.नक्सलवाद के कम होते ही बस्तर में विकास की रफ्तार तेजी से बढ़ी है. 50 बंद स्कूल फिर से खोले गए और कई गांवों में पहली बार बिजली पहुंची. नियद नेल्ला नार अर्थात आपका अच्छा गाँव योजना से 327 गांवों में बुनियादी सुविधाएं पहुंची हैं. पामेड़, जो कभी नक्सलियों का गढ़ था, वहां अब बैंक की शाखा खुल गई हैं.
मोदी की गारंटियों को कर रहे पूरा
पिछले 20 महीनों में हमने प्रदेश के नागरिकों को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दी गई गारंटियों को पूरा करने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किये हैं.कैबिनेट की पहली बैठक में हमने 18 लाख प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए. पीएम जनमन योजना में विशेष पिछड़ी जनजाति के लिए 34 हजार और नक्सल पीड़ित व आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए 15 हजार आवास मंजूर किए गए. पात्रता नियम आसान किए गए हैं और नए लाभार्थियों के लिए आवास प्लस 2.0 के तहत सर्वे कराया गया है. इस तरह हर नागरिक का पक्का घर पाने का सपना पूरा हो रहा है.
70 लाख महिलाओं को मिल रहा ‘महतारी वंदन’ का लाभ
महिला सशक्तीकरण हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. सरकार बनने के तीन महीने के भीतर हमने महतारी वंदन योजना शुरू की. प्रदेश में 70 लाख महिलाओं को हर महीने एक-एक हजार रूपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है. इस योजना से महिलाएं आत्मनिर्भरता की राह पर कदम बढ़ा रही हैं. महतारी वंदन योजना के तहत माताओं-बहनों को अब तक 11 हजार 728 करोड रूपए की राशि दी जा चुकी है. रायगढ़ जिले से हमने महिला समूहों को रेडी टू ईट फूड निर्माण का काम सौंपा है और इसका विस्तार जल्द ही हम अन्य जिलों में करेंगे.
149 मीट्रिक टन रिकार्ड धान की खरीदी
राज्य के किसान भाइयों का कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. कृषक उन्नति योजना के माध्यम से छत्तीसगढ़ के किसानों को धान का सबसे ज्यादा मूल्य मिल रहा है. हमने पिछले खरीफ सीजन में 149 लाख मीट्रिक टन धान की रिकॉर्ड खरीदी की है.राज्य में फसल विविधता को बढ़ावा देने के लिए हमारी सरकार ने कृषक उन्नति योजना के दायरे का विस्तार किया है. धान के बदले अब अन्य खरीफ फसल लेने वाले किसानों को प्रति एकड़ 11 हजार रूपए तथा दलहन-तिलहन, मक्का, कोदो, कुटकी, रागी और कपास की फसल लेने वाले कृषकों को प्रति एकड़ 10 हजार रूपए की आदान सहायता राशि दी जाएगी.
भूमिहीन कृषि श्रमिकों को आर्थिक सहायता
दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषक मजदूर कल्याण योजना हमने शुरू की है. इसके तहत राज्य के 5 लाख 62 हजार भूमिहीन कृषि श्रमिकों को प्रतिवर्ष 10-10 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दे रहे हैं.
छत्तीसगढ़ के 26 लाख किसान भाइयों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ मिल रहा है. खास बात यह है कि इस योजना से विशेष पिछड़ी जनजाति के 32 हजार 500 किसान भी लाभान्वित हो रहे हैं.
खरीफ सीजन में हमने खाद-बीज की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की है. वैश्विक तनाव के कारण जहां डीएपी की आपूर्ति में कुछ कमी आयी, वहां हमने भरपूर मात्रा में नैनो डीएपी उपलब्ध कराकर किसान भाइयों की दिक्कत दूर की.
पशुधन और मत्स्य पालन को बढ़ावा
हम राज्य में सहकारिता की सम्भावनाओं को साकार कर रहे हैं. खेती-किसानी के साथ-साथ हम पशुधन और मत्स्यपालन को भी बढ़ावा दे रहे हैं. राज्य में दुग्ध उत्पादन और पशुपालकों की आय को बढ़ावा देने के लिए एनडीडीबी से हमने एमओयू किया है.वर्ष-2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष घोषित किया गया है. केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में हम सहकार से समृद्धि के मंत्र पर चलते हुए राज्य में सहकारी गतिविधियों को नई ऊंचाई दे रहे हैं.
स्कूलों के साथ शिक्षकों का किया युक्तियुक्तकरण
महात्मा गांधी कहते थे कि शिक्षा के जरिए समाज में बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं. हमने नई शिक्षा नीति को लागू करने के साथ ही इसके प्रावधानों के अनुरूप स्कूलों और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया है. अब सुकमा के दुर्गम गांव में भी शिक्षक हैं. राजधानी रायपुर से लेकर पहाड़ी कोरवा बसाहट वाले स्कूलों तक पूरे प्रदेश में शिक्षक-छात्र अनुपात एक समान है. हमारे स्कूलों में शिक्षक-छात्र अनुपात राष्ट्रीय औसत से बेहतर है.हम शासकीय विद्यालयों में मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान भी संचालित कर रहे हैं. पेरेण्ट्स टीचर मीटिंग तथा न्यौता भोज के माध्यम से हमने बच्चों के शैक्षणिक विकास में सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित की है, जिसका बेहतर परिणाम मिल रहा है. हमने स्कूलों के रखरखाव एवं अधोसंरचना विकास के लिए 133 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है.
नवा रायपुर में बना रहे एजुकेशन सिटी
नवा रायपुर में हम सौ एकड़ में एजुकेशन सिटी बना रहे हैं. विज्ञान और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए यहां साइंस सिटी का भी निर्माण कर रहे हैं.नवा रायपुर में हमने नेशनल फॉरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी के कैंपस का भूमिपूजन किया है. देश में लागू नये कानूनों में फारेंसिक का महत्व काफी बढ़ गया है, जिससे राज्य के युवाओं को इस क्षेत्र में करियर निर्माण के अवसर सुलभ होंगे.
नवा रायपुर को बना रहे सिलिकॉन वैली
छत्तीसगढ़ में आईटी और एआई क्रांति दस्तक दे चुकी है. हम नवा रायपुर को सेंट्रल इंडिया की सिलिकॉन वैली के रूप में तैयार कर रहे हैं. नवा रायपुर में नेशनल इंस्टीट्यूट आफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफार्मेशन टेक्नॉलाजी की स्थापना करने जा रहे हैं, जिससे आईटी का बड़ा टैलेंट पूल यहां तैयार होगा.
हम जॉब मार्केट की जरूरत के मुताबिक वर्क फोर्स तैयार कर रहे हैं. प्रदेश के युवाओं को कौशलयुक्त बनाने के लिए स्किल इंडिया मिशन पर काम किया जा रहा है. नवा रायपुर में हम लाइवलीहुड सेंटर आफ एक्सीलेंस आरंभ कर रहे हैं. हम जनजातीय बहुल बस्तर संभाग के सभी 32 विकासखंडों में, कौशल विकास केन्द्र के माध्यम से युवाओं को विभिन्न व्यवसायों का प्रशिक्षण दे रहे हैं.
स्टार्टअप को बढ़ावा देने बनाई नई नीति
स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए हमने नई स्टार्टअप नीति बनाई है. इसके माध्यम से हम राज्य के 100 तकनीकी संस्थाओं के 50 हजार छात्र-छात्राओं तक पहुंच बनाएंगे. राज्य में हमने 150 स्टार्टअप स्थापित करने का लक्ष्य रखा है.ईज ऑफ लिविंग के साथ ही स्पीड ऑफ बिजनेस की ओर बढ़ते हुए हमने 350 से अधिक रिफॉर्म किये हैं. सिंगल विंडो सिस्टम से प्रदेश में निवेश सरल, सहज और पारदर्शी हो गया है.नई औद्योगिक नीति की बुनियाद पर विकसित छत्तीसगढ़ की भव्य इमारत तैयार होगी. नई औद्योगिक नीति में हमने सबसे ज्यादा जोर पॉवर सेक्टर पर दिया है. इस सेक्टर में हमें 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. इससे छत्तीसगढ़ विकसित भारत का पावर हाउस बनेगा.
6 लाख 65 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव
निवेशकों के लिए छत्तीसगढ पसंदीदा राज्य बन चुका है. हमने दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू के साथ ही रायपुर में भी इन्वेस्टर्स समिट किये. इन समिट के माध्यम से अब तक 6 लाख 65 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव हमें मिल चुके हैं.नई औद्योगिक नीति में हम नये जमाने के उभरते हुए उद्योगों को भी विशेष अनुदान दे रहे हैं. छत्तीसगढ़ में पहली सेमीकंडक्टर यूनिट का भूमिपूजन हमने किया है. लगभग 11 सौ करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली इस यूनिट से हमने चिप निर्माण के क्षेत्र में कदम रख दिया है.
नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फैशन टेक्नॉलाजी का कैंपस स्थापित
हम टैक्सटाइल क्षेत्र में संभावनाओं को अवसर में बदलना चाहते हैं. इसके लिए हम नवा रायपुर में नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फैशन टेक्नॉलाजी का कैंपस स्थापित करने जा रहे हैं. इसकी अनुमानित लागत 271 करोड़ रुपए होगी. इससे बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे.हमने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की तर्ज पर राज्य राजधानी क्षेत्र के विकास के लिए प्राधिकरण गठन का निर्णय लिया है. यह प्राधिकरण राजधानी क्षेत्र के सुव्यवस्थित और योजनाबद्ध विकास के लिए कार्य करेगा.
इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर हुए बड़े काम
जब हमारे राज्य का गठन हुआ तब प्रदेश की अधोसंरचना औद्योगिक वातावरण के अनुकूल नहीं थी. छत्तीसगढ़ में निवेश की जो संभावनाएं पैदा हुई हैं, उसके पीछे एक दशक में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर हुए कामों की बड़ी भूमिका है. वर्ष 2030 तक हम उतनी ही रेल लाइन बिछा देंगे, जितनी 1853 में रेलवे शुरू होने से लेकर वर्ष 2014 तक बिछाई गई थी. रावघाट से जगदलपुर, केके लाइन का दोहरीकरण, तेलंगाना के कोठागुडेम से किरंदुल तक नई रेल परियोजनाएं बस्तर की भाग्य रेखा साबित होंगी. खरसिया से परमालकसा जाने वाली रेल लाइन प्रदेश के महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्रों को जोड़ेगी. नई रेल लाइनें “विकसित भारत-विकसित छत्तीसगढ़” की धमनियां साबित होंगी.
हाफ बिजली बिल से मुफ्त बिजली की बढ़ रहे
किसी प्रदेश की आर्थिक सेहत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वहां बिजली की खपत कितनी है. हमारा प्रदेश जीरो पॉवर कट स्टेट है. हमारे राज्य में प्रति व्यक्ति ऊर्जा खपत 2 हजार 211 यूनिट है, जबकि देश का औसत ऊर्जा खपत प्रति व्यक्ति 1 हजार 255 यूनिट है.ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में हमने बड़ा कदम उठाया है. हम हाफ बिजली बिल से मुफ्त बिजली की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं. प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है. इस योजना के माध्यम से आमजन अब बिजली उपभोक्ता से बिजली उत्पादनकर्ता बन रहे हैं.
ऑनलाईन रजिस्ट्री सुविधा
भ्रष्टाचार तब पनपता है जब आम जनता को कार्यालयों के बार-बार चक्कर काटने पड़ते हैं. यह तब ठीक होता है, जब जनता को कार्यालय जाने की जरूरत ही न पड़े. हमने रजिस्ट्री से संबंधित 10 क्रांतिकारी पहल की है. अब ऑनलाईन रजिस्ट्री की सुविधा भी हमने सुनिश्चित की है. रजिस्ट्री के साथ ही अब नामांतरण भी हो जाता है. आधार प्रमाणीकरण के चलते किसी तरह की धोखाधड़ी की आशंका नहीं रहती. रजिस्ट्री से संबंधित दस्तावेज बनाने आम नागरिकों को कानूनी विशेषज्ञों की भी जरूरत नहीं. पारिवारिक दान, हक त्याग और बंटवारा अब केवल पांच सौ रुपए शुल्क में हो जाता है.
भू-राजस्व संहिता संशोधन विधेयक से किया नियमों को सरल
हमने छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता संशोधन विधेयक के माध्यम से नियमों को सरल किया है. 5 डिसमिल से कम कृषि भूमि की रजिस्ट्री नहीं होगी. इसका उद्देश्य अवैध प्लाटिंग और जमीन को छोटे टुकड़ों में बांटकर बिक्री पर रोक लगाना है.जनविश्वास विधेयक पारित करने वाले हम अग्रणी राज्य हैं. हमने जनविश्वास विधेयक के माध्यम से राज्य के 8 अधिनियमों के 163 प्रावधानों में संशोधन किया है. छोटे-छोटे प्रकरणों में कोर्ट का बहुमूल्य समय नष्ट होता है और नागरिकों का भी काफी समय इसमें बर्बाद होता है. आम नागरिकों और कारोबारियों द्वारा किये गये छोटे-छोटे तकनीकी उल्लंघन अब अपराध की श्रेणी में नहीं आएंगे.
बोधघाट बहुउद्देशीय परियोजना पर बढ़ रहे आगे
हम बोधघाट बहुउद्देशीय परियोजना पर आगे बढ़ रहे हैं. 50 हजार करोड़ रुपए की इस परियोजना के माध्यम से 200 मेगावाट बिजली के उत्पादन के साथ ही लगभग 7 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा का विस्तार होगा. प्रदेश में सिंचाई सुविधाओं के विस्तार के लिए 9 सिंचाई परियोजनाओं में 522 करोड़ रुपए की राशि से सुधार कार्य कराया जाएगा
बैगा, गुनिया, सिरहा लोगों को देंगे सालाना सम्मान निधि
सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण को प्रोत्साहित करने हमारी सरकार ने बैगा, गुनिया, सिरहा लोगों को 5-5 हजार रुपए की सालाना सम्मान निधि प्रदान करने का निर्णय लिया है. प्रदेश की सुंदर जनजातीय संस्कृति के बारे में लोगों की उत्सुकता बढ़े, इसके लिए नवा रायपुर में हमने ट्राइबल म्यूजियम का लोकार्पण तीन महीने पहले किया है.प्रदेश के स्वतंत्रता संग्राम के जनजातीय नायकों को समर्पित शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्मारक-सह-संग्रहालय का निर्माण कराया जा रहा है.
छत्तीसगढ़ में हुई संयुक्त वन में वृद्धि
अपनी प्राकृतिक संपदा को न केवल हम सहेजे हुए हैं अपितु उसका निरंतर संवर्धन भी कर रहे हैं. वन पारिस्थितिकी सेवा को हमने ग्रीन जीडीपी के साथ जोड़ने की पहल की है. हाल ही में भारतीय वन सर्वेक्षण रिपोर्ट आई है, इसमें बताया गया है कि छत्तीसगढ़ में 683 वर्ग किलोमीटर संयुक्त वन एवं वृक्ष आवरण की वृद्धि हुई है, जो देश में सबसे ज्यादा रही है.
कलाकारों और साहित्यकारों की बढ़ाई पेंशन राशि
राज्य की कला-संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए नवा रायपुर में कलाग्राम की स्थापना के लिए 10 एकड़ भूमि आवंटित की गई है. कलाकारों और साहित्यकारों को दी जाने वाली पेंशन राशि को हमने 2 हजार रुपए से बढ़ाकर 5 हजार रुपए प्रति माह कर दिया है. हमारा सौभाग्य है कि प्रदेश के 22 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को श्री रामलला अयोध्या धाम दर्शन योजना के माध्यम से भांचा राम के दर्शन लाभ कराने के निमित्त बन सके. मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के माध्यम से भी हम तीर्थयात्रियों को देश भर के पुण्यस्थलों की यात्रा करा रहे हैं.