STRIKE; पटवारियों ने बंद किया ऑनलाइन काम, राजस्व कार्य प्रभावित

रायपुर, तहसीलदार के बाद अब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की पटवारियों की बारी है. राजस्व पटवारी संघ छत्तीसगढ़ ने अपनी लंबे समय से चली आ रही मांगों को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए राज्यभर में 16 अगस्त से अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर दिया है. इससे राजस्व कार्य बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।

संघ ने स्पष्ट किया है कि संसाधन नहीं तो काम नहीं के नारे के तहत अब राजस्व संबंधी समस्त ऑनलाइन कार्य पूरी तरह बंद रहेंगे. संघ की मानें तो पिछले कई वर्षों से लगातार शासन-प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के बावजूद पटवारियों की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया है. ग्रामीण अंचलों में संसाधनों की भारी कमी है. अधिकांश पटवारियों के पास कंप्यूटर, प्रिंटर, इंटरनेट सुविधा, कार्यालय भवन व सहायक स्टॉफ तक उपलब्ध नहीं है. इसके बावजूद उनसे ऑनलाइन रिकॉर्ड संधारण, नामांतरण, सीमांकन, गिरदावरी व भू-अभिलेख संबंधी कार्य समयबद्ध तरीके से पूरा करने की अपेक्षा की जाती है.
पटवारी संघ का आरोप है कि सरकारी आदेश तो कड़े हैं, मगर जमीन पर सुविधा शून्य है. कई जगह पटवारियों को निजी खर्च से इंटरनेट रिचार्ज और उपकरणों की व्यवस्था करनी पड़ रही है. इतना ही नहीं, राजस्व विभाग के अधिकांश कार्यालय जर्जर हालत में है और मूलभूत सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं हैं.
मांग मानने तक सेवा बहाल नहीं करेंगे
संघ ने चेतावनी दी है कि जब तक शासन उनकी मांगों पर ठोस कायर्वाही नहीं करता, तब तक प्रदेशभर में कोई भी ऑनलाइन सेवा बहाल नहीं की जाएगी. इसका सीधा असर किसानों, भू-स्वामियों और आम जनता पर पड़ेगा, क्योंकि खसरा-खतौनी की नकल, नामांतरण, नक्शा और ऋण पुस्तिका जैसी सेवाएं ऑनलाइन माध्यम से ही दी जाती हैं. राजस्व पटवारी संघ ने सरकार से मांग की है कि प्रत्येक पटवारी हल्के में संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, तकनीकी स्टाफ की नियुक्ति की जाए और कार्यालय भवनों का निर्माण हो. साथ ही लंबे समय से लंबित वेतनमान सुधार और पदोन्नति संबंधी मांगों पर भी शीघ्र निर्णय लिया जाए.