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FARMER ID; किसानों के लिए जरूरी सूचना… 31अगस्त से पहले नहीं किया ये काम तो होगा भारी नुकसान! MSP पर नहीं बेच पाएंगे फसल

रायपुर, किसानों के लिए यह एक अहम सूचना है. यदि आपने अब तक यूनिक फार्मर आईडी नहीं बनवाई है, तो इसे जल्द से जल्द बनवाना जरूरी है. केंद्र सरकार की एग्री स्टैक योजना के तहत हर किसान की डिजिटल पहचान के लिए 11 अंकों की यूनिक फार्मर आईडी अनिवार्य की गई है. इसको लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में शिविर भी लगाए जा रहे हैं.

यदि कोई किसान 31अगस्त 2025 तक पंजीकरण नहीं कराता है, तो उसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, फसल बीमा, कृषि ऋण, किसान क्रेडिट कार्ड और न्यूनतम समर्थन मूल्य जैसी योजनाओं का लाभ मिलना बंद हो जाएगा. केंद्र सरकार से मिलने वाले सालाना 6000 रुपए और राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली 2000 रुपए की राशि भी रुक जाएगी.

31 अगस्त तक नहीं कराया पंजीकरण तो बंद हो सकते हैं सभी लाभ
सरकार की कई अहम योजनाओं का लाभ यूनिक फार्मर आईडी से जोड़ा गया है. यदि पंजीकरण समय पर नहीं कराया गया तो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अलावा फसल बीमा योजना, बैंक से मिलने वाला कृषि ऋण और किसान क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधाएं भी रुक जाएंगी. इसके साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल बेचने और सरकारी खरीद केंद्रों से जुड़े रहने की प्रक्रिया भी बाधित होगी. फसल सर्वेक्षण और स्वामित्व हस्तांतरण जैसी अन्य सरकारी प्रक्रियाएं भी प्रभावित होंगी. ऐसे में किसानों को चाहिए कि वे 31अगस्त तक अनिवार्य रूप से यूनिक आईडी बनवा लें.

लोक सेवा केंद्र से भी करा सकते हैं पंजीकरण
यूनिक फार्मर आईडी बनवाने के लिए जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों में शिविर आयोजित किए जा रहे हैं. किसान ग्राम विकास अधिकारी, कृषि पर्यवेक्षक या पटवारी से संपर्क कर सकते हैं. इसके अलावा नजदीकी लोक सेवा केंद्र पर जाकर भी पंजीकरण कराया जा सकता है. यह आईडी बन जाने के बाद सरकार किसानों की डिजिटल प्रोफाइल तैयार करेगी और इसके आधार पर सभी योजनाओं का लाभ सीधे किसानों को पहुंचाया जा सकेगा.

क्या है यूनिक फार्मर आईडी और क्यों है जरूरी
यूनिक फार्मर आईडी केंद्र सरकार की एक योजना का हिस्सा है. यह एक ऐसी 11 अंकों की विशिष्ट संख्या है, जो प्रत्येक किसान को दी जाएगी. यह आईडी किसान की पहचान को प्रमाणित करती है और उसे सरकारी योजनाओं और लाभों तक सीधा पहुंच देती है. इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि किसान को उसके हक के सभी लाभ समय पर और पारदर्शी तरीके से मिल सकें.

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