CRIME; एडीजीपी वाई पूरन कुमार के सुसाइड नोट से खुले कई राज, एक दर्जन IPS अफसर फंसे

चंडीगढ, हरियाणा के सीनियर आईपीएस अफसर वाई पूरन कुमार ने सुसाइड नोट से कई राज खुले हैं. पूरन कुमार ने अपने इस कदम के लिए कई आईपीएस अफसरों को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने डीजीपी शत्रु जीत कपूर और पूर्व डीजीपी मनोज यादव पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. उनके प्रताड़ना में ही उन्होंने यह खौफनाक कदम उठाया. इसके अलावा पूरन के सुसाइड नोट में आईपीएस संदीप खिरवार कला रामचंद्रन, अमिताभ ढिल्लों पर भी प्रताड़ित करने के आरोप लगाए गए हैं.
आईपीएस संजय कुमार और पंकज नैन का भी सुसाइड नोट में प्रमुखता से जिक्र किया गया है. पूर्व डीजीपी पीके अग्रवाल और आईपीएस शिबास कविराज के साथ पूर्व में चीफ सेक्रेटरी रहे टीवीएसएन प्रसाद को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया है.
इस बीच मामले की जांच में सीएफएसएल टीम को पूरन के घर से दूसरा विल और फाइनल नोट मिला है. उसने इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए है. पुलिस टीम ने मृतक के आवास पर लगे कुछ सीसीटीवी कैमरों के फुटेज का भी विश्लेषण किया है. इसके साथ ही पोस्टमॉर्टम के लिए डायरेक्टर हेल्थ सर्विसेज (DHS) चंडीगढ़ को फॉरेंसिक विशेषज्ञ सहित मेडिकल बोर्ड गठित करने का अनुरोध भेजा गया है.

सूत्रों के अनुसार, बुधवार को सीएफएसएल सेक्टर-36 की टीम ने उस घर के उन कमरों की तलाशी ली जो मंगलवार को सील किए गए थे और जहां पहले पहुंचना संभव नहीं था. तलाशी के दौरान टीम को एक और ‘विल’ (वसीयतनामा) की कॉपी और एक फाइनल नोट बरामद हुआ है. इसके अलावा कुछ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी कब्जे में लिए गए हैं, जिन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा. इस बीच, मृतक की पत्नी और आईएएस अफसर अमनीत पी. कुमार ने थाना-11 पुलिस को एक शिकायत दी है. पुलिस ने शिकायत दर्ज कर ली है और पूरे मामले की जांच जारी है.
अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया उनकी बड़ी बेटी के अमेरिका से लौटने के बाद की जाएगी. जांच टीम सभी संभावित पहलुओं की बारीकी से जांच कर रही है ताकि आत्महत्या के पीछे की असली वजह का पता लगाया जा सके.