सीएम बघेल ने 700 बिस्तर अस्पताल का किया भूमिपूजन; मरीजों को मिलेंगी सुपर स्पेशियलिटी जैसी सुविधाएं
रायपुर, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मेडिकल कालेज में बनने वाले 700 बिस्तर क्षमता वाले नए एकीकृत चिकित्सालय भवन का भूमिपूजन के लिए पहुंचे थे। मुख्यमंत्री ने मेडिकल कालेज आडिटोरियम में महाविद्यालय के हीरक जयंती समारोह का भी शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भूमिपूजन कार्यक्रम और हीरक जंयती के शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि मेडिकल कालेज एवं इससे संबद्ध चिकित्सालय को वर्तमान की जरूरत के हिसाब से विकसित करना है। सीएम बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पिछले पांच वर्षों में स्वास्थ्य सेवाओं में काफी बढ़ोतरी हुई है। स्वास्थ्य सुविधाओं का दायरा और गुणवत्ता दोनों बढ़ी है। सरकारी अस्पतालों पर लोगों का भरोसा बढ़ा है।
न तो किसी की आंखें खराब हुई और न ही नसबंदी कांड
सीएम बघेल ने कहा कि दूरस्थ अंचलों के लोगों तक भी निश्शुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंची हैं। शासकीय अस्पतालों के माध्यम से लोगों को निश्शुल्क इलाज, जांच और दवाएं मिल रही हैं। यही वजह है कि प्रदेश में न तो किसी की आंखें खराब हुई और न ही नसबंदी कांड जैसा कोई हादसा हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य मशीनरी हर संकट से निपटने के लिए तैयार है। वैश्विक महामारी कोरोना के समय डाक्टर, नर्स और अन्य मेडिकल स्टाफ ने बेहतर काम कर इसे साबित भी किया है। उन्होंने कहा कि बस्तर और सरगुजा जैसे दूरस्थ क्षेत्रों में मलेरिया और डायरिया फैलना अब बीते दिनों की बात हो गई है। मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान से इसमें काफी कमी आई है।
जीनोम सिक्वेसिंग लैब को मिली मंजूरी
इस अवसर पर मौजूद उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि मेडिकल कालेज का 60 वर्षों का सफर शानदार रहा है। इससे संबद्ध अस्पताल प्रदेशवासियों के लिए बड़ी उम्मीद है। एशिया की सबसे एडवांस्ड मशीनरी भी यहां उपलब्ध है। नए चिकित्सालय भवन का भूमिपूजन हुआ है, जल्दी ही इसके लोकार्पण का समय आएगा। स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने बताया कि मेडिकल कालेज में जीनोम सिक्वेसिंग लैब के लिए मंजूरी मिल गई है। प्रदेश का सबसे बड़ा टर्शरी केयर हास्पिटलचिकित्सा शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणु जी पिल्लै ने कहा कि मेडिकल कालेज प्रदेश का सबसे बड़ा टर्शरी केयर हास्पिटल है। यहां लगातार बढ़ रहे मरीजों की संख्या को देखते हुए सर्वसुविधायुक्त एकीकृत चिकित्सालय भवन की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी।
60 विद्यार्थियों के साथ यात्रा शुरू हुई थी
डीन डा. तृप्ति नागरिया ने कहा कि 9 सितंबर 1963 को 60 विद्यार्थियों के साथ यात्रा शुरू हुई थी। अब यहां एमबीबीएस की 230 और पीजी की 150 सीटें हैं। मेडिकल कालेज से संबद्ध अस्पताल की क्षमता 700 बिस्तरों से बढ़कर 1248 हो गई है। नए एकीकृत चिकित्सालय भवन में 700 बिस्तर बढ़ने से यहां बिस्तरों की संख्या करीब दो हजार हो जाएगी। दो हजार बिस्तर क्षमता वाला यह मध्य भारत का एकमात्र अस्पताल होगा। उन्होंने बताया कि हीरक जयंती का मुख्य समारोह इस वर्ष 23 और 24 दिसंबर को मनाया जाएगा।