पालकी के घोटुल में कृषि सूचना केंद्र का शुभारंभ;किसानों को मिली खेती-किसानी की सीख
नारायणपुर,,कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र केरलापाल, नारायणपुर मे रावे कार्यक्रम ( ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव) कार्यक्रम के अंतर्गत ग्राम पालकी के घोटुल में कृषि सूचना केंद्र का शुभारंभ किया गया। ग्रामीण किसान भाई कृषि से संबंधित जानकारियां, समस्या का समाधान आदि रावे सूचना केंद्र मे आकर ले सकते हैं। कृषि सूचना केंद्र का उद्घाटन ग्राम पालकी के सरपंच लक्षमन दुग्गा ने किया । इस कार्यक्रम मे वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. दिब्येंदु दास, पालकी स्कूल की प्रधान पाठक श्रीमती मंजुलता मरकाम मौजूद थे। अध्यक्षता अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र केरलापाल डॉ. रत्ना नशीने ने की ।
मुख्य अतिथि सरपंच लक्षमन दुग्गा ने अपने भाषण में कहा कि रावे कार्यक्रम को ग्राम पालकी में आयोजित करने के लिए अधिष्ठाता डॉ. रत्ना नशीने का आभार व्यक्त करता हूँ। बहुत से कार्यक्रम हमारे गाँव में महाविधलय की ओर से आयोजित किए जाते है और हम ग्रामवासियों को बहुत फायदा हुआ है। इस कार्यक्रम में किसान भाइयों के साथ विधयार्थी जुड़े रहेंगे तो कृषि की नई तकनीकों की जनकारी हमे मिलती रहेगी ।
अधिष्ठाता डॉ. रत्ना नशीने ने सभी चतुर्थ वर्षीय रावे विद्यार्थीयों को कृषि सूचना केंद्र के शुभारंभ पर बधाई देते हुए कहा कि रावे कृषि शिक्षा का अति महत्त्वपूर्ण अंग है। इसे विद्यार्थीयों को अपने जीवन कौशल, उद्यम कौशल के विकास से जोड़कर अपने सर्वांगीण विकास को बढ़ाना चाहिए । उन्होंने कहा कि आप कृषकों की प्रमुख समस्याओं को अपनी डायरी में लिखकर उसके निदान हेतु प्रयास करें एवं कृषि कार्य में आने वाली चुनौतियों को इंगित कर कृषकों की प्रगति और राष्ट्र निर्माण में सहभागी बने।
डॉ. दिब्येंदु दास कृषि विज्ञान केंद्र, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख ने कृषि सूचना केंद्र के महत्व को बताते हुए अपने विद्यार्थी जीवन के अनुभव को साझा किया तथा किसानो से अनुशंसित बीज मात्रा एवं दवाइयों का प्रयोग करने का आग्रह किया। प्राध्यापक डॉ. जे. एल. नाग ने कहा कि हमारे देश की प्रगति में किसानों का सबसे अहम रोल है। इनके योगदान को जितना सराहा जाए उतना कम है. तभी तो केंद्र और राज्य सरकारें लगातार किसानों के लिए कल्याणकारी योजनाएं चला रही है. सिर्फ खेती-किसानी तक सीमित हमारे अन्नदाताओं को अब तकनीक और विज्ञान से जोड़ा जा रहा है।
कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों एवं पालकी के प्रगतिशील कृषकगण को भेंट स्वरूप फलदार पौधे दिए। अथितियों द्वारा कृषि प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया । विधयार्थियों ने प्रायोगिक रूप से बडिंग, ग्राफटींग, लेही विधि , बयासी हल आदि के बारे में जानकारी दी । विद्यार्थी अंगद राज बग्गा , कुमारी किर्ति साहू , युगलकिशोर ने रावे कार्यक्रम में छात्रों द्वारा आज तक ग्राम में किए गये कार्यों की जानकारी दी। प्रीति ,नेहा गुप्ता , योगिता पटेल ने कृषको के सम्मान में कविता पाठ किया। चमनलाल मरकाम ने रावे कार्यक्रम के व्यक्तिगत अनुभव साझा किया ।