AIIMS;बढ़ते फंगल इंफेक्शन का प्रबंधन चुनौतीपूर्ण
0 एम्स में दो दिवसीय कार्यशाला और सेमिनार प्रारंभ, देशभर के माइक्रोबायोलॉजिस्ट ले रहे भाग
रायपुर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में कोविड-19 के बाद विभिन्न प्रकार के फंगल इंफेक्शन और इसमें प्रशिक्षित मेडिकल माइक्रोबायोलॉजिस्ट और लैब की महत्वता को रेखांकित करने के लिए दो दिवसीय ‘क्लिनिको माइकोलॉजिकल अपडेट-अनकवरिंग द अननॉन’ विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार और कार्यशाला प्रारंभ हुई। इसमें मुख्य रूप से फंगल इंफेक्शन और इसके प्रबंधन पर देशभर के प्रमुख विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
एम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग और छत्तीसगढ़ एसोसिएशन ऑफ मेडिकल माइक्रोबायोलॉजिस्ट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में देश और प्रदेश में फंगस से होने वाले संक्रमण और विभिन्न बीमारियों, इनके नियंत्रण और उपचार पर विस्तार से चर्चा की जा रही है। इसमें फंगल इंफेक्शन से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों को चिकित्सकों और इंफेक्शन कंट्रोल से जुड़े अन्य अंशधारकों को बताया जा रहा है।
प्रथम दिवस पर कार्यशाला में केस बेस्ड स्टडी के आधार पर फंगल इंफेक्शन के विभिन्न प्रकार के बारे में चिकित्सकों को जानकारी दी गई। विशेषज्ञों का कहना था कि कोविड महामारी के बाद म्यूकरमाइकोसिस, एस्पेरजीलोसिस, कैंडीडियासिस और यिस्ट मोल्ड्स जैसे इंफेक्शन को पहचानने और उपचार में पेशेवर माइक्रोबायोलॉजिस्ट महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
पहले दिन कार्यशाला में डॉ. टी. करूणा, एम्स, भोपाल, प्रो. अर्चना केचे और डॉ. राकेश गुप्ता, एम्स, रायपुर ने फंगल इंफेक्शन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यशाला का आयोजन विभागाध्यक्ष प्रो. अनुदिता भार्गव और एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सबा जावेद के निर्देशन में प्रो. केचे द्वारा किया जा रहा है। इसमें देशभर के 40 से अधिक माइक्रोबायोलॉजिस्ट प्रतिभागिता कर रहे हैं।