AIIMS; तंबाकू और सिगरेट से बढ़ रहे ओरल कैंसर के रोगी, मुख की नियमित सफाई आवश्यक
0 एम्स में प्रतिदिन 10 नए रोगी आ रहे, प्रतिमाह 20 रोगियों को ऑपरेशन की आवश्यकता पड़ रही
रायपुर, मुख कैंसर के बढ़ते रोगियों की संख्या को देखते हुए चिकित्सकों ने इसके लिए जागरूकता अभियान चलाने पर जोर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि तंबाकू और सिगरेट के बढ़ते प्रयोग, मुख की सही सफाई न करना और खाद्य पदार्थों में कैमिकल का बढ़ता उपयोग भी मुख कैंसर का बड़ा कारक बन रहा है। सीएमई में विभिन्न चिकित्सा विभागों से मिलकर कैंसर का उपचार प्रदान करने पर जोर दिया गया।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के ईएनटी विभाग के तत्वावधान में आयोजित सीएमई में चिकित्सा अधीक्षक और विभागाध्यक्ष प्रो. रेनू राजगुरु ने कहा कि कई बार मुख में घाव कैंसर का संकेत हो सकता है। उन्होंने कहा कि होठों या मुख में सूजन, सफेद या लाल रंग का चकत्ता, ढीला दांत, मुख या कान में दर्द जैसे लक्षण कैंसर के हो सकते हैं। ऐसे परिस्थितियों में तुरंत ईएनटी विशेषज्ञों की सलाह लेनी चाहिए।
डॉ. रिपु दमन अरोड़ा ने बताया कि एम्स में 20 से 25 मुख कैंसर के रोगी प्रतिदिन आते हैं। इनमें अन्य चिकित्सा संस्थानों से रेफर होने वाले और फॉलोअप रोगी भी शामिल हैं। इनमें से औसतन 10 नए रोगी होते हैं। इनमें से अधिकांश को कीम्योथैरेपी और रेडियोथैरेपी की मदद से ठीक किया जा सकता है। लगभग 20 रोगियों को प्रतिमाह ऑपरेशन की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि यदि रोगी प्रारंभिक अवस्था में ही कैंसर का चैकअप करवा लें तो उसके ठीक होने की संभावना अधिक होती है। उन्होंने कहा कि एम्स में आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत कैंसर के निःशुल्क इलाज की सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
सीएमई में डॉ. सिद्धार्थ नंदा ने एक्सटर्नल बीम थैरेपी के बारे में जानकारी दी। डॉ. अमित अग्रवाल ने नियोएडजुवेंट कीम्योथैरेपी के लाभ बताए। डॉ. अविनाश तिवारी ने पैन एंड पेलिएटिव केयर के बारे में बताया। डॉ. आशीष गुप्ता ने कहा कि पैथोलॉजी में मॉलीक्यूलर टेस्ट की मदद कैंसर के प्रकार और स्टेज के बारे में जानकारी मिल सकती है। सीएमई में अधिष्ठाता (शैक्षणिक) प्रो. आलोक अग्रवाल, डॉ. रुपा मेहता, डॉ. सतीश एस सतपुते, डॉ. शर्मिष्ठा चक्रवर्ती ने भी भाग लिया।