POLITICS; पार्टी से दुखी भाजपा कार्यकर्ता ने मांगी इच्छामृत्यु, एनएचएम कर्मचारियों को बर्खास्त करने की धमकी देना अनुचित

0 प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज का आरोप
रायपुर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी अपने कार्यकर्ताओं की सुरक्षा नहीं कर पा रही है। सरगुजा से एक खबर आई है कि सूरजपुर के भाजपा के पूर्व मंडल महामंत्री विशंभर यादव ने मुख्यमंत्री से इच्छा मृत्यु मांगी है। वे अपना इलाज नहीं करा पा रहे है।
उन्होंने बताया कि विशंभर यादव दो साल पहले रायपुर में आयोजित प्रधानमंत्री मोदी की सभा में शामिल होने कार्यकर्ताओं के साथ आ रहे थे, रास्ते में बस दुर्घटना का शिकार हो गयी और यादव बुरी तरह से घायल हो गये। उनका इलाज में घर बार सब बिक गया। 35 लाख रू. से अधिक खर्च हो गया। वे परमानेंट विकलांग भी हो गये है, बेड पर पड़े है, भाजपा की सरकार भी बन गयी लेकिन भाजपा अपने इस कार्यकर्ता को भूल गयी। अनेको नेताओं से उन्होनें मदद मांगी लेकिन कोई भी सामने नहीं आया। आज बेबसी और आर्थिक तंगी का शिकार होकर वे मुख्यमंत्री से इच्छा मृत्यु मांग रहे। कार्यकर्ताओं को देवतुल्य बताने वाली भाजपा का यह असली चरित्र है।
एनएचएम कर्मचारियों को बर्खास्त करने की धमकी देना अनुचित
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि 16000 से अधिक नेशनल रूरल हेल्थ मिशन के कर्मचारी हड़ताल पर है। भाजपा सरकार एनएचएम कर्मचारियों से किये गये वादे को पूरा करने के बजाये उन्हें नौकरी से बर्खास्त करने की धमकी दे रही है। भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान मोदी की गारंटी के नाम से एनएचएम कर्मचारियों को सरकार बनने तत्काल बाद नियमितीकरण करने का वादा किया था। 21 महीना सरकार बने हो गया है, लेकिन अभी तक उन्हें नियमित क्यों नहीं किया गया? अब सरकार एनएचएम कर्मचारियों की मांगों को केंद्र सरकार का मामला बताकर जिम्मेदारी से क्यों भाग रही है? जब मोदी की गारंटी नाम दिया गया तब क्या भाजपा ने सोचा नहीं था की गारंटी कैसे पूरी होगी? डबल इंजन की सरकार में एनएचएम कर्मचारियों की मांग पूरी होने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए? सरकार तानाशाही बंद करें, हड़ताली कर्मचारियों की मांगे माने।
50 फीसदी अमेरिकी टैरिफ मोदी सरकार की कूटनीतिक विफलता
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि अमेरिकी सरकार ने आज से भारत के उत्पादों पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया। यह मोदी सरकार की कूटनीतिक विफलता है। हमारे बहुत से उद्योगों पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ेगा। मोदी तो खुद को ट्रंप का दोस्त बताते थे, उनके जीतने के लिए भाजपाइयों ने देश भर के मंदिरों में हवन किया था। अब मोदी इसके खिलाफ स्टैंड क्यों नहीं लेते?यदि वह हमारे उत्पादों पर 50 फीसदी टैरिफ लगा सकता है तो हमें भी अमेरिकी उत्पादों के साथ वैसा ही करना चाहिए। भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है उनको भी हमारी जरुरत है।