CRIME;’प्राइवेट पार्ट को टच किया, कमरे में पीटा’, गैंगरेप की धमकी देकर दर्ज कराया केस, ननों की रिहाई होते ही लड़कियों ने खोल दी पोल

जगदलपुर, मानव तस्करी और धर्मांतरण के आरोप में दुर्ग रेलवे स्टेशन से दो कैथोलिक ननों को गिरफ्तार किया गया था। शनिवार को बिलासपुर की एनआईए कोर्ट ने दोनों ननों और एक अन्य को जमानत दे दी। अब इस मामले में नया मोड आया है। नन जिन युवतियों को अपने साथ आगरा लेकर जा रही थीं उन्होंने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ नारायणपुर एसपी ऑफिस में शिकायत दर्ज कराई है। युवतियां नारायणपुर जिले के अबूझमाड की है।
युवतियों ने बिलासपुर एनआईए कोर्ट से दोनों कैथोलिक ननों को जमानत मिलने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि वह दोनों निर्दोष हैं। हम अपने परिजनों की सहमति से जा रहे थे। उन्होंने ननों की तारीफ की।
SP को दिया आवेदन
शनिवार को तीनों युवतियां नारायणपुर एसपी कार्यालय पहुंचीं। इन्होंने लिखित आवेदन देकर एसपी से बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है। इन तीनों युवतियों में एक कि उम्र 21 साल है और 2 युवतियों की उम्र 19-19 साल है। इन्होंने कहा है कि दुर्ग में पुलिस ने कोरे कागज पर दस्तखत करवाया।
अबूझमाड़ की रहने वाली हैं तीनों युवतियां
दरअसल, ये तीनों युवतियां नारायणपुर जिले में अबूझमाड़ के अलग-अलग गांवों की रहने वाली हैं। ये ईसाई धर्म को मानती हैं। कुछ दिन पहले 2 नन के साथ आगरा जा रहीं थी। इसी बीच दुर्ग रेलवे स्टेशन में इन्हें रोक लिया गया था। ननों की गिरफ्तारी हुई थी।
कमरे में बंद किया गया
तीनों पीड़िता ने इस मामले में शिकायती आवेदन दिया है। इनका आरोप है कि दुर्ग रेलवे स्टेशन में 100 से 200 लड़कों ने उन्हें घेर लिया था। जातिगत गालियां दीं। हमारे प्राइवेट पार्ट को टच किया और हमें गैंगरेप की धमकी दी थी। फिर पुलिस स्टेशन लेकर गए। वहां हमें एक कमरे में रखा। पुलिस जवानों को बाहर कर एक कमरे में हमें रखा गया। कमरे में भी हमें पीटा गया। ननों के खिलाफ बयान देने के लिए जबरदस्ती प्रेशर बनाया गया। हमें कहा गया तो केस दर्ज नहीं करवाओगी तो गैंगरेप की धमकी दी।
प्राइवेट पार्ट को भी टच किया
एक पीड़िता ने बताया कि हमें कहा गया कि तुम हमारे पैरों की जूती के बराबर हो। तुम लोग छोटी जाति के हो। हमें कमरे में बंद करके पीटा गया। वहीं, एक पीड़िता ने बताया बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने हमारे प्राइवेट पार्ट को टच किया। इसके साथ गंदी-गंदी गलियां दीं और धमकी भी दी।
4 दिन कमरे में नजर बंद रखा
पीड़िताओं ने बताया कि हमें दुर्ग में सखी वन स्टॉप सेंटर भेज दिया था। वहां भी हमें 4 दिनों तक एक कमरे में बंद कर रखा था। न तो किसी से बात करने दिया गया और न ही कमरे से बाहर जाने दिया। इनका कहना है कि वे अपने परिजनों की इजाजत से ही ननों के साथ जा रहीं थीं। इसके बाद भी उन्हें किसी से मिलने या फिर बात नहीं करने दी गई। हालांकि पुलिस ने इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं की है।