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LIQUOR SCAM; झारखंड में भी शराब घोटाले में बड़ी कार्रवाई, एसीबी ने IAS विनय चौबे को किया गिरफ्तार

झारखंड

रांंची, झारखंड में शराब घोटाले के सिलसिले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने आईएएस और तत्कालीन एक्साइज सेक्रेटरी विनय कुमार चौबे से पूछताछ शुरू कर दी है। एसीबी की टीम ने उनके आवास पर जाकर उन्हें कार्यालय बुलाया, जहाँ उनसे छत्तीसगढ़ की तर्ज पर लागू हुई एक्साइज पॉलिसी में कथित गड़बड़ियों के बारे में पूछताछ की जा रही है। एसीबी की टीम ने इस मामले में संयुक्त उत्पाद आयुक्त रहे गजेंद्र सिंह को भी गिरफ्तार किया। दोनों अधिकारियों को शाम करीब पांच बजे एससीबी की विशेष अदालत में पेश किया।

छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले से जुड़ी हैं जड़ें

दरअसल, इस मामले की जड़ें छत्तीसगढ़ से जुड़ी हैं, जहां शराब घोटाले में स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के अफसरों और कई बड़े कारोबारियों की भूमिका सामने आई है। छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की जांच वहां की आर्थिक अपराध शाखा ने शुरू की थी। इसके बाद ईडी ने भी इस मामले में जांच शुरू की।

छत्तीसगढ़ की तरह झारखंड में नई उत्पाद नीति

ईडी को इस दौरान यह भी जानकारी मिली कि जिस सिंडिकेट ने छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला किया, उसी ने झारखंड में भी नई उत्पाद नीति लागू करवाई और यहां भी उसी तर्ज पर घोटाला दोहराया गया। इसी आधार पर ईडी की छत्तीसगढ़ इकाई ने झारखंड के तत्कालीन एक्साइज सेक्रेटरी विनय चौबे को समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया था।

2024 में विनय चौबे समेत कई ठिकानों पर हुई थी छापेमारी

पूछताछ के दौरान चौबे ने खुद को निर्दाेष बताते हुए कहा था कि उत्पाद नीति सरकार की सहमति से लागू की गई थी। बाद में झारखंड के एक व्यक्ति ने छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध शाखा में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट ने ही झारखंड में सुनियोजित घोटाला किया।

इसके बाद ईडी ने इसमें ईसीआईआर दर्ज कर जांच शुरू की और अक्टूबर 2024 में आईएएस विनय चौबे सहित कई लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ आर्थिक अपराध शाखा में एक प्राथमिकी दर्ज होने के बाद झारखंड एसीबी ने राज्य सरकार की अनुमति के बाद पीई दर्ज कर जांच शुरू की है।

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