कला-साहित्य

FESTIVAL;बोर्ड परीक्षाएं नजदीक… फिर भी राजिम कुंभ मेले में लगाई गई शिक्षकों की ड्यूटी

शिक्षक ड्यूटी

रायपुर, इधर मार्च में पांचवीं, आठवीं, 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं होनी हैं और उधर राजिम कुंभ में शिक्षा विभाग ने 50 से अधिक शिक्षकों की स्टाल में ड्यूटी लगा दी है। 25 से अधिक चपरासियों को भी शिक्षा विभाग के स्टाल में काम पर लगा दिया गया है।

इससे स्कूली विद्यार्थियों की पढ़ाई सीधे तौर पर प्रभावित हो रही है। शिक्षा विभाग ने बकायदा ड्यूटी चार्ट भी जारी किया है। इसके मुताबिक 26 फरवरी महाशिवरात्रि तक शिक्षक और चपरासी स्टाल में अलग-अलग पालियों में ड्यूटी करेंगे।

वर्तमान में परीक्षा को देखते हुए विद्यार्थियों को शिक्षकों की उपस्थिति की अधिक आवश्यकता है। किसी प्रश्न के उत्तर लिखने और सूत्र ज्ञात करने में साथ ही कमजोर विद्यार्थियों की पहचान करके उनके लिए अलग से अतिरिक्त कक्षा लगाकर बोर्ड परीक्षा के लिए तैयार करना होता है।

मगर, यह काम अभी स्कूलों में नहीं हो रहा है। बच्चे अपने माता-पिता के भरोसे परीक्षा की तैयारी में लगे हुए हैं। राजिम कुंभ में टीचर्स की ड्यूटी लगने से बच्चों के साथ ही माता-पिता भी परेशान हैं कि वे बच्चों को बोर्ड की तैयारी कैसे कराएं।

मार्च भर चलेगी बोर्ड की परीक्षा

12वीं बोर्ड की परीक्षा एक मार्च से शुरू हो रही है, जो 28 मार्च तक चलेगी। वहीं 10वीं की परीक्षा तीन मार्च से शुरू हो रही है जो 24 मार्च को समाप्त होगी। इसके अलावा पांचवीं की परीक्षा 17 मार्च और आठवीं की परीक्षा 18 मार्च शुरू हो रही हैं।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भी ड्यूटी

प्रदेश में नगरीय निकाय के बाद अब पंचायत चुनाव होने हैं। 17, 20 और 23 फरवरी को अलग-अलग जिलों के पंचायतों में मतदान होंगे। इसके चलते पढ़ाना छोड़कर शिक्षक चुनाव कार्य में व्यस्त हैं।लगातार चुनावी कार्य के चलते विद्यार्थियों के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है। चुनाव में जुटे होने के कारण शिक्षक विद्यार्थियों को ज्यादा समय नहीं दे पाए है। इसी कारण पाठ्यक्रम भी अधूरा रह गया है।

विभागीय कर्मियों की लगानी थी ड्यूटी

शिक्षाविदों का कहना है कि शासकीय स्कूलों के छात्रों के भविष्य का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। अभी राजिम कुंभ में शिक्षकों की ड्यूटी लगाना समझ से परे है। दरअसल, शिक्षा विभाग के स्टाल में विभागीय कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जा सकती है।मगर, शिक्षकों का सहारा लिया जाना ठीक नहीं है। शासन-प्रशासन को भी ध्यान रखना चाहिए कि परीक्षा का समय आ गया है। ऐसे में टीचर्स की ड्यूटी मेले के लिए नहीं लगानी चाहिए थी।

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