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CRIME; मशरूम फैक्ट्री में मजदूरों के साथ बर्बरता,खाना मांगा तो बच्चों को पीटा,बंधक बनाए गए 47 नाबालिक समेत 97 मजदूरों का हुआ रेस्क्यू

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0 रायपुर में मशरूम फैक्ट्री के मजदूरों ने सुनाई आपबीती

रायपुर, राजधानी रायपुर से लगे खरोरा के मशरूम फैक्ट्री में शताधिक मजदूरों को बंधक बनाकर महीनों से बर्बरतापूर्वक काम कराने का मामला सामने आया है. मजदूरों को बिना पगार दिए काम कराया जा रहा था. विरोध करने पर उनसे मारपीट भी की जाती थी. वहीं महिलाओं और बच्चों के साथ भी जानवरों जैसा बर्ताव किया जाता रहा. वहां के काम कर रहे मजदूरों ने पुलिस के सामने अपनी आपबीती सुनाई.

दरअसल खरोरा गांव में विकास तिवारी, विवेक और नितेश ये तीनों मिलकर मशरूम फैक्ट्री चलाते हैं, जहां काम कराने के लिए यूपी, बिहार और झारखंड से मजदूरों को लाया गया था. इस मजदूरों के साथ जानवरों जैसा सलूक किया जाता रहा, मासूम बच्चों के शरीर पर चोट के निशान भी दिखाई दे रहे थे. काम नहीं करने पर मजदूरों के ऊपर हाथ भी उठाया जाता था. वहीं 4-5 महीने की पगार भी नहीं दी गई थी. वहीं महिलाओं ने बताया कि जब वह शौच के लिए जाती थी तब ठेकेदार के आदमी उन्हें देखते थे, ताकि वह कहीं भाग न जाए. वहीं खाना मांगने पर बच्चों पर भी हाथ उठाते थे.

मजदूरों से 24-24 घंटे कराया काम

मजदूरों ने बताया कि उनके साथ फैक्ट्री मालिक जानवरों से बर्ताव करते थे. उन्हें हर दिन 24 घंटे तक काम करना पड़ता था, लेकिन मालिक उन्हें एक रुपया भी नहीं देता था. इतना ही नहीं, उन्होंने हमारे मोबाइल फोन और आधार कार्ड भी छीन लिए थे ताकि वे किसी से संपर्क न कर सकें और फैक्ट्री से बाहर न जा सकें.

बंधक मजदूरों का ऐसे हुआ खुलासा

प्रताड़ना के इस बर्बर मामले का खुलासा तब हुआ जब कुछ मजदूर फैक्ट्री मालिकों की प्रताड़ना से तंग आ गए। वे 2 जुलाई की रात को फैक्ट्री से भाग निकले. वे 20 किमी पैदल चलकर रायपुर पहुंचे. कुछ लोगों ने मदद कर पुलिस तक पहुंचाया. फैक्ट्री में काम करने आए मजदूर ने कहा कि मशरूम कंपनी में पैक करने के लिए यहां पर उन्हें लेकर आए थे.

97 मजदूरों का हुआ रेस्क्यू

वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग ने तिल्दा-खरोरा स्थित मशरूम फैक्ट्री में छापा मारकर 97 मजदूरों का रेस्क्यू किया. इन सभी को रायपुर के इंडोर स्टेडियम में सुरक्षित रखा गया है। शुरुआती जानकारी के अनुसार, रेस्क्यू किये गए मजदूर यूपी-बिहार के हैं.

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