
नई दिल्ली, एनएचएआई में रिश्वतखोरी का एक बड़ा मामला सामने आया है। जिसमें एनएचएआई के CGM, GM, DGM,PD,साइट इंजीनियर और AGM अकाउंटस समेत 12 के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है। इनमें छह एनएचएआई के टॉप अफसर हैं, बाकी प्राइवेट कंपनी के दो जीएम और अन्य कर्मचारी है। इस मामले में सीबीआई ने 15 लाख रुपए की रिश्वत के आदान-प्रदान में एनएचएआई के एक GM समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
इस मामले में सीबीआई की टीमों ने आरोपियों के पटना, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, पूर्णिया, रांची और वाराणसी स्थित ठिकानों पर छापेमारी की। यहां से एक करोड़ 18 लाख रुपए के अलावा अन्य दस्तावेज और डिजिटल उपकरण बरामद किए गए।
12 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज
सीबीआई ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में एनएचएआई पटना ऑफिस के जीएम रामप्रीत पासवान और प्राइवेट कंस्ट्रक्शन कंपनी के जीएम सुरेश महापात्रा के अलावा दो कर्मचारी बरुन कुमार और चेतन कुमार शामिल हैं। सीबीआई ने बताया कि इस मामले में 22 मार्च को 12 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
इनमें एनएचएआई के पटना ऑफिस के चीफ जनरल मैनेजर वाईबी सिंह, जीएम रामप्रीत पासवान, पूर्णिया प्रोजेक्ट यूनिट के डीजीएम कुमार सौरभ, दरभंगा-मुजफ्फरपुर के पीडी ललित कुमार और साइट इंजीनियर अंशुल ठाकुर के अलावा पटना ऑफिस के एजीएम हेमेन मेधई के नाम शामिल हैं। इनके अलावा छह नाम प्राइवेट कंस्ट्रक्शन कंपनी के जीएम और अन्य कर्मचारियों के हैं।
एनएचएआई के ठेके-बिल अवैध रूप से किए पास
सीबीआई ने बताया कि मामला एनएचएआई के ठेकों और कार्यों से संबंधित बिलों को अवैध रूप से पास करने का है। जिसके लिए मोटी रिश्वत की मांग की गई और आदान-प्रदान हुआ। आरोप है कि एनएचएआई के अधिकारी आरोपी निजी कंपनी के प्रतिनिधियों के साथ मिलीभगत करते हुए आरोपी निजी कंपनी को दिए गए एनएचएआई के ठेकों और कार्यों से संबंधित बिलों को पास करने के लिए कथित रूप से लाखों रुपए की रिश्वत ली।
सीबीआई ने जाल बिछाकर ऐसे लिया एक्शन
यह भी आरोप है कि रिश्वत की रकम की व्यवस्था करने के बाद निजी कंपनी के एक आरोपी प्रतिनिधियों ने 22 मार्च को पटना में कथित तौर पर रिश्वत की यह रकम देने के लिए आरोपी एनएचएआई अधिकारी से मिलने का फैसला किया। सीबीआई ने जाल बिछाया और एनएचएआई के आरोपी जीएम और निजी कंपनी के आरोपी जीएम को कथित तौर पर 15 लाख रुपये की रिश्वत लेने-देने के मामले में पकड़ लिया। साथ ही इस मामले में प्राइवेट कंपनी के दो अन्य कर्मचारियों को भी पकड़ा गया। जिन्होंने उक्त रिश्वत राशि देने में मदद की थी।