राज्यशासन

DGP; छत्तीसगढ पुलिस की कमान किसे मिलेगी?,गौतम या गुप्ता, तय करेंगे सीएम साय

डीजीपी

रायपुर, छत्तीसगढ़ में नए डीजीपी की स्थायी नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त हो गया है। सूत्रों की माने तो प्रमुख दावेदार पवन देव एवं जीपी सिंह दौड से लगभग बाहर हो चुके है। ऐसे में अरुणदेव गौतम अथवा हिमांशु गुप्ता में से कोई एक डीजीपी बनेंगे। अभी प्रदेश के कार्यवाहक डीजीपी अरुणदेव गौतम है।

छत्तीसगढ़ में लंबे समय से चल रही पूर्णकालिक पुलिस प्रमुख की नियुक्ति की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में पहुंच गई है। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने राज्य सरकार को नए DGP के लिए दो नामों का पैनल भेज दिया है। अब फैसला मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के दिल्ली दौरे से लौटने के बाद लिया जाएगा। माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में छत्तीसगढ़ को स्थायी पुलिस महानिदेशक मिल जाएगा।

सूत्रों ने बताया कि यूपीएससी ने जिन दो वरिष्ठ IPS अधिकारियों के नाम राज्य सरकार को भेजे हैं, उनमें अरुणदेव गौतम और हिमांशु गुप्ता का नाम शामिल बताया गया हैं। जबकि पहले चर्चा में रहे पवनदेव और जीपी सिंह का नाम अंतिम सूची से हटा दिया गया है। वैसे जीपी सिंह का मामला सुप्रीम कोर्ट में निपट चुका है और पवनदेव की वरिष्ठता सबसे ऊपर मानी जा रही थी, फिर भी इन दोनों नामों को पैनल से बाहर कर देना लोगों के लिए चौंकाने वाली खबर है।

दरअसल, राज्य सरकार ने दो महीने पहले ही डीजीपी चयन के लिए तीन नामों का प्रस्ताव यूपीएससी को भेजा था। इसके बाद आयोग की ओर से कई चरणों में जानकारी मांगी गई, और तकरीबन छह महीने की प्रक्रिया के बाद जाकर डीपीसी मीटिंग हुई। इसमें राज्य की ओर से मुख्य सचिव दिल्ली पहुंचे थे और उनकी मौजूदगी में पैनल को अंतिम रूप दिया गया।

अरुणदेव गौतम की दावेदारी सबसे मजबूत

राज्य सरकार की ओर से चार महीने पहले अरुणदेव गौतम को राज्य पुलिस की कमान सौंपी गई थी और तब से वे कार्यवाहक डीजीपी की भूमिका निभा रहे हैं। उनके कार्यकाल में नक्सल मोर्चे पर पुलिस ने लगातार सफलता हासिल की है और वे बेदाग छवि वाले अफसर माने जाते हैं। ऐसे में यह कयास लगाया जा रहा है कि सरकार अपने पहले से लिए गए फैसले पर कायम रहेगी और अरुणदेव गौतम को पूर्णकालिक DGP नियुक्त किया जा सकता है। वहीं, हिमांशु गुप्ता भी वरिष्ठ और प्रभावशाली अधिकारी माने जाते हैं। लेकिन अंदरखाने की चर्चा के अनुसार, इस बार सरकार अनुभव, संतुलित छवि और हालिया प्रदर्शन को प्राथमिकता दे सकती है, जिसके चलते श्री गौतम की दावेदारी सबसे मजबूत दिखाई दे रही है।

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