ELECTRICITY; सरप्लस वाले राज्य में बिजली बिल की चौतरफा मार से हाहाकार, दुगुने-तिगुने बिल की शिकायत आम, कांग्रेस उतरी मैदान में

0 पहले दाम बढ़ाए, हॉफ योजना की छूट खत्म किए, अघोषित कटौती शुरू, अब स्मार्ट मीटर से अधिक वसूली
रायपुर, छत्तीसगढ़ में बढ़े हुए बिजली दर को सत्ता प्रायोजित अत्याचार करार देते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपा की सरकार ने विगत डेढ़ साल के भीतर घरेलू बिजली के दाम चार-चार बार बढ़ाए, 400 यूनिट तक बिजली बिल हॉफ की योजना के तहत पूर्ववर्ती सरकार के द्वारा दिये गये छूट को खत्म किये, पूरे प्रदेश मे अघोषित बिजली कटौती शुरू हो गई, अब स्मार्ट मीटर लगाकर अनाप-शनाप वसूली की जा रही है। जन विरोधी सरकार में स्मार्ट सिटी की तरह ही स्मार्ट मीटर भी ठगी का जरिया बन गया है, स्मार्ट सिस्टम नहीं, यह जनता की जेब पर स्मार्ट डकैती है। “स्मार्ट सिस्टम” की अनिवार्यता बिजली बिल पर चौतरफा अत्याचार है।
प्रवक्ता ने कहा है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने बिना किसी भेदभाव के छत्तीसगढ़ के 65 लाख से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं को 3240 करोड़ रुपए सब्सिडी देकर राहत दी थी। किसानों को 5 एचपी तक निःशुल्क बिजली, बीपीएल उपभोक्ताओं को निःशुल्क एकल बत्ती कनेक्शन, अस्पताल, उद्योगों को सब्सिडियरी दर पर बिजली देकर सीधे तौर पर राहत पहुंचाई थी, भाजपा की सरकार आने के बाद सरप्लस बिजली वाले राज्य छत्तीसगए़ में अघोषित कटौती शुरू हो गई और कीमत लगातार बढ़ाई गई, उद्योगों को दी जाने वाली बिजली की दरें वर्तमान में हमारे पड़ोसी राज्य झारखंड, उड़ीसा और मध्य प्रदेश से लगभग डेढ़ गुना ज्यादा है।
मुफ्त बिजली का दावा झूठा
प्रवक्ता ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कुल लगभग 65 लाख बिजली उपभोक्ता है, सरकार का दावा है कि सोलर सिस्टम लगाने 3964 लोगों ने आवेदन किया, जिनमें से योजना शुरू होने से लगभग पौने दो वर्षों में अब तक मात्र 1250 उपभोक्ताओं के यहां लगाए, अर्थात एक साल में कुल 625, बड़ी संख्या में आवेदन निरस्त, इस रफ्तार से 10 हजार 400 साल लगेंगे, वह भी तब जब बिजली उपभोक्ताओं की संख्या स्थिर रहे। मतलब स्पष्ट है कि सोलर सब्सिडी से मुफ्त बिजली का दावा झूठा है।