POLITICS;वानप्रस्थ की उम्र में आरएसएस की पाठशाला से झूठ परोसना सीख कर आये है अरविंद नेताम
नेताम

कांग्रेस ने कहा-बस्तर की संपदा के लूट के खिलाफ दीपक बैज के विरोध से डरे भाजपाई नेताम को मोहरा बना रहे
रायपुर , पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरविंद नेताम और मंत्री केदार कश्यप द्वारा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के संदर्भ में दिये गये बयानों की कांग्रेस ने कड़ी निंदा की है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज को अपनी धार्मिक आस्था के लिये अरविंद नेताम, केदार कश्यप या आरएसएस से सार्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं है। दीपक बैज प्रकृति पूजक आदिवासी है, बूढ़ादेव, महादेव के उपासक है, जीवन के चौथे पहर वान प्रस्थ की अवस्था में अरविंद नेताम आरएसएस की पाठशाला से झूठ बोलने की जो शिक्षा नागपुर से लेकर आये है उसका बस्तर के ही आदिवासी नेता पर प्रयोग कर रहे है।
उन्होंने कहा कि पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज जो दंतेश्वरी माई के अनन्य भक्त है तथा बस्तर दशहरा कमेटी के रूप से 5 सालो तक प्रतिवर्ष 75 दिनों माई की सेवा करते रह है। कांग्रेस सरकार के समय सांसद के रूप में उन्होंने आदिवासी संस्कृति को बढ़ावा दिया, देवगुड़ी, घोटुल के संरक्षण एवं संवर्धन का काम किया। दीपक बैज को नेताम, कश्यप के सार्टिफिकेट की जरूरत नहीं है।
शुक्ला ने कहा कि दरअसल अरविंद नेताम के उद्गार आरएसएस की पाठशाला से भले आये है उसके पीछे अडानी और उद्योगपतियो की वह खीझ है, जो दीपक बैज के नेतृत्व में बस्तर से खनिज संपदा के लूट के खिलाफ चलाये जा रहे आंदोलनों को बर्दास्त नहीं कर पा रहे है। एनएमडीसी नगरनार संयंत्र के बेचे जाने के खिलाफ की जाने वाली पदयात्रा हो या बस्तर की जीवनदायिनी इंद्रावती को बचाने की जाने वाली पदयात्रा। हाल ही में बस्तर की खनिज संपदा के बंदरबांट के खिलाफ किरंदूल से दंतेवाड़ा तक की गई पदयात्रा जिसमें हजारों की संख्या में बस्तरवासी इक्ट्ठा होकर बस्तर के हक की लड़ाई में अपनी एकजुटता प्रदर्शित किये उसके बाद से ही बस्तर को लूटने की योजना बनाने वाले लोग तिलमिला गये और बस्तर के ही वरिष्ठ आदिवासी नेता को मोहरा बनाकर पीसीसी अध्यक्ष के खिलाफ अनर्गल प्रलाप करवा रहे है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि राज्य में जब से भाजपा की सरकार बनी है प्रदेश के शहरी एवं मैदानी क्षेत्रों में भी धर्मांतरण की घटनायें बढ़ गयी है। भाजपा खुद धर्मांतरण को बढ़ावा देती है फिर वर्ग संघर्ष करवाती है। विपक्ष में रहते हुये धर्मांतरण के नाम पर फसाद करने वाले भाजपाई पिछले सवा साल से प्रदेश में होने वाली धर्मांतरण की घटनाओं पर चुप्पी साध लिये है।