अंबिकापुर, छत्तीसगढ़ के जशपुर की बीजेपी विधायक रायमुनी भगत ने एक विशेष समुदाय के खिलाफ अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करते हुए एक सभा में बेतुका बयान दिया था. अब इस मामले में FIR दर्ज की गई है. ये मामला बीते वर्ष एक सितंबर 2024 को आस्ता चौकी क्षेत्र के ग्राम ढेंगनी में एक भूमिपूजन कार्यक्रम के दौरान ईसाई समाज के आराध्य ईसा मसीह पर कथित टिप्पणी की थी. विधायक ने सादरी भाषा मे ईसा मसीह के जीवित होने पर उंगली उठाते हुए बयान दिया था.
बयान के बाद विरोध
कथित वीडियो वायरल होने के बाद जिले के ईसाई समाज के लोगों ने जमकर हंगामा किया. विभिन्न थाने में लिखित शिकायत की गयी थी. इस मामले में FIR दर्ज नहीं होने पर समाज के लोगों ने 120 किलोमीटर की लंबी मानव श्रृंखला बनाकर विरोध दर्ज कराया था. इतना ही नहीं ग्राम ढेंगनी से मुख्यमंत्री निवास बगीया के लिए 120 किलोमीटर की तीन दिवसीय पैदल यात्रा भी निकाली थी. इसके बाबजूद FIR दर्ज नहीं होने के बाद परिवारवाद दायर किया गया था.
विधायक रायमुनि भगत द्वारा ईसा मसीह पर विवादित मामले में जिला सत्र न्यायलय में दर्ज परिवाद की सुनवाई करते हुए प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट अनिल कुमार चौहान ने जशपुर की बीजेपी विधायक रायमुनि भगत के विरुद्ध बीएनएस की धारा 196,299 और 302 के अंतर्गत अपराध दर्ज कर लिया है.
क्या था मामला?
घटना बीते साल 1 सितंबर को आस्ता थाना क्षेत्र के ढेगनी गांव में हुई थी. इस गांव में भुईहर समाज के सामाजिक भवन के लोकार्पण के दौरान विवादित टिप्पणी करने का आरोप ईसाई समुदाय के लोग विधायक रायमुनि पर लगा रहे हैं. उनका आरोप है कि इस कार्यक्रम में सम्बोधन के दौरान विधायक ने ईसा मसीह पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि ईसा मसीह अगर मरने के बाद जीवित हो सकते हैं तो मतांतरितो को कब्रिस्तान की जरूरत क्यों पड़ती है?
इस बयान को ईसा मसीह का अपमान बताते हुए लोगों ने जिले के सभी थाना और चौकी में विधायक रायमुनि भगत के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने के लिए आवेदन दिया था. लेकिन पुलिस ने मामले की जांच के बाद विधायक के भाषण में कोई विवादित ना पाए जाने के आधार पर आवेदको को न्यायलय जाने की सलाह दी थी.
इस पर ढेगनी निवासी हेरमोन कुजूर पिता मार्टिन कुजूर ने 10 दिसंबर 2024 को जिला न्यायलय में परिवाद दायर किया था. सुनवाई के दौरान परिवादी के अधिवक्ता विष्णु कुलदीप ने 6 प्रत्यक्षदर्शियो का बयान दर्ज कराने के साथ वीडियो की सीडी न्यायलय के सामने प्रस्तुत की गई थी. सुनवाई के बाद न्यायाधीश अनिल चौहान ने परिवादी हैरमोन के आरोप को सुनवाई योग्य मानते विधायक रायमुनि भगत के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध करते हुए 10 जनवरी को न्यायलय में पेश होने के लिए नोटिस जारी किया है.