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STRIKE; कृषि विज्ञान केंद्रों में कामकाज ठप, कलम बंद हड़ताल पर रहे वैज्ञानिक व कर्मचारी,समान कार्य-समान अधिकार की मांग

रायपुर, कृषि विज्ञान केंद्र के प्रति पक्षपातपूर्ण रवैये के खिलाफ मंगलवार को छत्तीसगढ के सभी कृषि विज्ञान केंद्रों के सभी वैज्ञानिक व कर्मी एक दिवसीय कलम बंद हड़ताल पर रहे. इसके साथ ही समान कार्य, समान अधिकार की मांग को लेकर केवीके परिसर में सभी ने धरना दिया. राजधानी रायपुर में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में भी प्रदर्शन कर अपानी मांगों की ओर प्रबंधन का ध्यान आकृष्ट किया गया।

कर्मचारियों ने सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक केंद्र पर ही एकत्रित होकर विरोध-प्रदर्शन किया। उन्होंने तैयार किए गए बैनर और प्लेकार्ड्स के माध्यम से अपनी माँगों को रखा और “हमें चाहिए न्याय”, “वन नेशन-वन केवीके-वन पॉलिसी” जैसे नारों के साथ आईसीएआर की भेदभावपूर्ण रवैये के खिलाफ आवाज़ बुलंद की। कृषि विज्ञान केन्द्र कटघोरा, कोरबा के प्रतिनिधि ने बताया कि यह विरोध केवल वेतन के लिए ही नहीं, बल्कि सम्मान और समान अधिकारों की लड़ाई के लिए है। “हम आईसीएआर के अधीन काम करने वाले अपने सहयोगियों के समान ही जिम्मेदारियाँ निभाते हैं। लेकिन वेतन, पदोन्नति, भत्तों और सेवानिवृत्ति लाभों में हमें लगातार दोयम दर्जे का व्यवहार झेलना पड़ रहा है। यह अन्यायपूर्ण है और इसे तुरंत समाप्त किया जाना चाहिए।”

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय एवं पशुपाअलन विश्वविद्यालय से सन्म्बद्ध प्रदेश के सभी 28 कृषि विज्ञान केंद्रों मे कलम बंद हड़ताल व धरना नेशनल फोरम ऑफ केवीके के आह्वान पर किया गया. कृषि विज्ञान केंद्र के प्रदर्शनकारी वैज्ञानिकों का कहना है कि कृषि विज्ञान केंद्र पूरे देश में वर्ष 1974 से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली, राज्य के विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों की ओर से संचालित किया जा रहा है. जो किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में निरंतर प्रयासरत है.

प्रदर्शाकारी वैज्ञानिकों का कहना है कि आज पूरे देश के प्राय: प्रत्येक जिले में कृषि विज्ञान केंद्र की स्थापना हो चुकी है.लेकिन विडंबना है कि कृषि और किसानों के विकास, किसानों के आय दुगुनी करने की बात तो होती है, लेकिन कृषि विज्ञान केंद्र बरसों से उपेक्षित रहते हुए योजना से गैर योजना में परिवर्तित नहीं हो पाया. इसके कारण कृषि विज्ञान केंद्र के कर्मियों को नियमित वेतन, मासिक भत्ते के अलावा अन्य भत्तों एवं सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है.

वहीं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के द्वारा संचालित देश के गिने चुने कृषि विज्ञान केंद्रों के कर्मियों को भारत सरकार द्वारा देय मासिक वेतन तथा अन्य सभी सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है. उन्हें पेंशन, सेवानिवृत्ति,पदोन्नति और चिकित्सा भत्ता आदि का लाभ मिलता है. इसी भेदभाव पूर्ण रवैये को देखते हुए संगठन को एक दिवसीय कलम बंद हड़ताल करने विवश होना पडा है।

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